नई दिल्ली, Citizenship Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट आज नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दायर 200 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
मांग क्या है?
हाल ही में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद इसे लेकर सवाल उठाए गए। इसके बाद नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और इसके खिलाफ 200 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी सुनवाई पर सहमति
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों नागरिकता संशोधन नियमों, 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग पर विचार करने के लिए सहमति जताई थी। बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय की थी।
CAA को लेकर क्या है आपत्ति?
आईयूएमएल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में सीएए लागू करने की अधिसूचना पर सवाल उठाए गए हैं। आईयूएमएल ने अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि साढ़े चार साल तक इसे लागू नहीं किया गया, लेकिन अब इसे अधिसूचित करना इस पर सवाल उठाता है। साथ ही इसमें कहा गया है कि सीएए में धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन करता है।
क्या है CAA?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को संसद से 2019 में पारित किया गया था। यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करता है।
यह सुनवाई महत्वपूर्ण क्यों है?
सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई का नागरिकता संशोधन कानून के भविष्य पर बड़ा असर पड़ सकता है। यदि सुप्रीम कोर्ट सीएए के खिलाफ याचिकाओं को स्वीकार करता है, तो यह कानून रद्द हो सकता है।