भारतीय राजनयिक पुस्तक पर पाकिस्तान: पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (12 जनवरी) को एक पूर्व भारतीय राजनयिक अजय बिसारिया की हालिया किताब पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने किताब को भारत में लोकसभा चुनाव से पहले पाक को कोसने का जरिया करार दिया. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया की एक किताब के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं.
पूछे गए सवाल पर बलूच ने कहा कि उन्होंने किताब न तो देखी है और न पढ़ी है, लेकिन मीडिया में आईं कुछ खबरें और पुस्तक के बारे में कुछ दिलचस्प टिप्पणियों पर गौर किया है. उन्होंने कहा, “भारत में अगला लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, ऐसे में यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान को कोसने वाली अंधराष्ट्रवादी और सैन्यवादी कहानियां अब वहां फैलाई जा रही हैं.”
अभिनंदन को पकड़ने वाले पाकिस्तान की हालत
पाकिस्तान में साल 2017 से 2019 तक उच्चायुक्त रह चुके अजय बिसारिया ने अपनी पुस्तक ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में आजादी के बाद से भारत-पाकिस्तान संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है. उन्होंने अपने किताब के माध्यम से खुलासा किया कि इंडियन एयरफोर्स के पायलट अभिनंदन को पकड़ने वाले पाकिस्तान की हालत बेहद खराब हो गई, जब भारत ने उसकी ओर अपनी 9 मिसाइलें घुमा दी. इसके अलावा उन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक पर भी प्रतिक्रिया दी.
आलम ये था कि अगर पाकिस्तान अभिनंदन को न छोड़ता तो भारत उसपर सभी 9 मिसाइले दाग देता. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने किताब में लिखी सारी बातों को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि हमें ताज्जुब हो रहा है कि कोई पूर्व राजनयिक ऐसा कैसे लिख सकता है? हालांकि, ये बात सारी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान की छवि आतंकवाद के मामले में कैसी है.
पीएम मोदी ने इमरान खान के अनुरोध को ठुकराया
पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है. इसके बावजूद उन्होंने पुलवामा हमले को ड्रामा करार दिया. हालांकि, 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में बैठे भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अज़हर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके अलावा भारतीय राजनयिक अजय बिसारिया ने किताब में लिखा है कि अभिनंदन को पकड़ने के बाद भारत की धमकी से पाकिस्तान बेहद सहमा हुआ था.
इसके बाद पाकिस्तान के तत्कालीन हाई कमिश्नर सोहेल महमूद ने उन्हें आधी रात में फोन किया और कहा कि पीएम इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात की सूचना दिल्ली में की, लेकिन पीएम मोदी ने इमरान खान से बात करने को लेकर मना कर दिया था.