झुंझुनूं: राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना से जुड़े लाभार्थियों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब राज्य के नागरिक प्रदेश की सीमाओं से बाहर भी कैशलैस इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के साथ एकीकृत MAA योजना में आउट बाउंड पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुक्रवार से लागू कर दी गई है, जिससे लाखों परिवारों को देशभर में बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
MAA योजना में आउट बाउंड पोर्टेबिलिटी लागू, देशभर में मिलेगा इलाज
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के अंतर्गत राजस्थान के निवासियों को अब अन्य राज्यों में भी कैशलैस उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। आउट बाउंड पोर्टेबिलिटी के लागू होने के बाद प्रदेशवासी देश के लगभग सभी राज्यों में सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। हालांकि फिलहाल तमिलनाडु और कर्नाटक को इस सुविधा से बाहर रखा गया है। यह बदलाव उन मरीजों के लिए बेहद लाभकारी माना जा रहा है, जिन्हें इलाज के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है।
पीएमजेएवाई एप से जुड़े देशभर के 31 हजार अस्पताल
सीएमएचओ डॉ छोटेलाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि MAA योजना के सभी पात्र लाभार्थी अब पीएम जनआरोग्य योजना एप्लिकेशन के माध्यम से राज्य के बाहर के सूचीबद्ध अस्पतालों से जुड़ जाएंगे। वर्तमान में राजस्थान के करीब 1800 अस्पताल योजना से जुड़े हुए हैं, लेकिन इस एकीकरण के बाद प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना से संबद्ध अन्य राज्यों के लगभग 31 हजार अस्पतालों में भी राजस्थान के मरीज इलाज करा सकेंगे। इससे इलाज के विकल्प और पहुंच दोनों में व्यापक विस्तार हुआ है।
केंद्रीय एजेंसी से इंटीग्रेशन पूरा, तकनीकी बाधाएं हुईं दूर
डॉ गुर्जर के अनुसार, तकनीकी कारणों से आउट बाउंड पोर्टेबिलिटी को लागू करने में देरी हो रही थी। अब राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी ने नेशनल हेल्थ क्लेम एक्सचेंज के साथ पूर्ण इंटीग्रेशन कर लिया है। लाभार्थियों की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए गोल्डन एपीआई विकसित की गई है, जो जनाधार आईडी, पीएमजेएवाई कार्ड और वय वंदना योजना के नामांकन डेटा को मर्ज कर पूरे देश में इलाज की पात्रता प्रदान करती है।
25 लाख तक का फ्री इलाज, राजस्थान बना देश का पहला राज्य
राजस्थान ने एनएचसीएक्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से आउट बाउंड पोर्टेबिलिटी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव हासिल किया है। सरकार ने सिस्टम को लागू करने से पहले सभी तकनीकी परीक्षण पूरे कर त्रुटियों को दूर किया। चूंकि MAA योजना में 25 लाख रुपये तक का कैशलैस इलाज उपलब्ध है, जबकि अन्य राज्यों में कवरेज इससे कम है, इसलिए एकीकरण में चुनौतियां थीं। अब इन सभी बाधाओं को दूर कर लाभार्थियों को देशभर में समान कवरेज उपलब्ध कराया जा रहा है।
मरीजों को क्या होगा सीधा फायदा?
इस नई व्यवस्था से गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अब इलाज के लिए राज्य की सीमाओं तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा। बाहर पढ़ाई, नौकरी या इलाज के दौरान भी राजस्थान के लाभार्थी प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलैस उपचार का लाभ ले सकेंगे, जिससे आर्थिक बोझ में बड़ी कमी आएगी।





