चिड़ावा: क्षेत्र में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना को सशक्त करने वाली परमहंस पंडित गणेशनारायण बावलिया बाबा की 14वीं दिव्य संदेश यात्रा का शुभारंभ सोमवार 15 दिसंबर को भव्य धार्मिक वातावरण में होगा। आठ दिनों तक चलने वाली यह यात्रा झुंझुनूं जिले के 35 से अधिक गांवों और कस्बों में बाबा की शिक्षाओं, जीवन संदेश और सनातन धर्म की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाएगी। यात्रा को लेकर आयोजन समिति और बाबा के भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।
15 दिसंबर से होगा दिव्य संदेश यात्रा का शुभारंभ
भगवत जन कल्याण मिशन के तत्वावधान में आयोजित परमहंस दिव्य संदेश यात्रा का प्रारंभ सोमवार सुबह सवा दस बजे चिड़ावा के कॉलेज रोड स्थित सनातन आश्रम पोद्दार पार्क में मौजूद परमहंस पीठ से होगा। पूजन-आरती के साथ यात्रा रथ को विधिवत रवाना किया जाएगा। यह यात्रा लगातार आठ दिनों तक विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजरेगी।
बाबा की शिक्षाओं से जोड़ी जाएगी युवा पीढ़ी
यात्रा का मुख्य उद्देश्य परमहंस पंडित गणेशनारायण बावलिया बाबा की शिक्षाओं, जीवन मूल्यों और सनातन धर्म की परंपराओं को आमजन और विशेष रूप से युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है। यात्रा के दौरान धार्मिक प्रवचन, भजन, मंगलपाठ और बाबा के जीवन चरित्र का विस्तृत गुणगान किया जाएगा, जिससे सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक चेतना को बल मिले।
तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप, गांवों में स्वागत की तैयारी
रविवार को दिव्य संदेश यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। आयोजन समिति से जुड़े अभयसिंह बडेसरा और मुकेश जलिन्द्रा ने बताया कि यात्रा रथ, धार्मिक सामग्री और कार्यक्रम स्थलों की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। वहीं, यात्रा मार्ग में आने वाले गांवों और कस्बों में बाबा के भक्त स्वागत कार्यक्रमों की तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रभुशरण तिवाड़ी के सानिध्य में होगा बाबा के जीवन का यशोगान
यात्रा के दौरान विभिन्न पड़ाव स्थलों पर विश्व सनातन धर्म संघ के राष्ट्रीय संयोजक पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी के सानिध्य में बाबा के जीवन चरित्र, उनके चमत्कारों और आध्यात्मिक संदेशों का विस्तार से वर्णन किया जाएगा। भक्तों को भजनों, साहित्य और प्रसंगों के माध्यम से बाबा की कृपा और साधना से परिचित कराया जाएगा।
हर पड़ाव पर आरती, मंगलपाठ और प्रसाद वितरण
यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर रथ में विराजमान बाबा के दिव्य स्वरूप की आरती, मंगलपाठ और प्रसाद वितरण का आयोजन होगा। इससे क्षेत्र में धार्मिक वातावरण के साथ-साथ सामाजिक सहभागिता भी सशक्त होगी।
आठ दिनों का विस्तृत यात्रा मार्ग
पहले दिन यात्रा चिड़ावा से सेहीकला, स्यालू और काजड़ा होते हुए सूरजगढ़ पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। इसके बाद सूरजगढ़ से लोटिया, धींगड़िया और बड़बर होते हुए बुहाना, फिर पचेरी, गोद और शिमला के रास्ते सिंघाना, सिंघाना से कॉपर, गोठड़ा और कोलिहान होते हुए खेतड़ी, आगे डाडा फतेहपुरा, नालपुर और त्योंदा होते हुए टीबा बसई, फिर मेहाडा, सिहोड़ और मावंडा से बबाई, उसके बाद बडाऊ, रसूलपुर और नंगली से जसरापुर तथा अंतिम दिन लोयल, चनाना और सुलताना होते हुए यात्रा वापस चिड़ावा पहुंचेगी। चिड़ावा में बाबा की महाआरती के साथ दिव्य संदेश यात्रा का समापन होगा।




