सूरजगढ़: उपखंड क्षेत्र में एक प्रमुख ग्रामीण रास्ता बंद होने से स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम जाखोद से धिंगडिया जाने वाला मार्ग, जो पहले वर्षों से ग्रामीणों के उपयोग में था लेकिन हाल ही में बेरला सीमा के पास कुछ व्यक्तियों द्वारा बंद कर दिया गया। इससे आसपास के गांवों के निवासियों, किसानों और छात्रों को आने-जाने में कठिनाइयां झेलनी पड़ रही हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में उपखंड अधिकारी सूरजगढ़ के नाम तहसीलदार जयसिंह को ज्ञापन सौंपकर रास्ता शीघ्र खुलवाने की मांग की है।
ग्रामीणों के अनुसार, यह रास्ता ग्राम जाखोद से राठियों की ढाणी, बेरला सीमा होते हुए धिंगडिया गांव तक जाता है। यह मार्ग लंबे समय से लोगों के आवागमन का प्रमुख साधन रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि खसरा नंबर 82 में प्रदीप व दयानंद पुत्र घड़सीराम और खसरा नंबर 101 में चन्द्रप्रकाश पुत्र रामकुमार द्वारा रास्ते को बंद कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह रास्ता “प्रचलित सार्वजनिक मार्ग” है और वर्षों से बिना किसी विवाद के प्रयोग में लाया जा रहा था।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 23 जून 2025 को न्यायालय के आदेशानुसार तहसीलदार सूरजगढ़ एवं राजस्व टीम द्वारा रास्ता खुलवाया गया था, लेकिन कुछ समय बाद इसे पुनः बंद कर दिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि इस कदम से न केवल आम लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि बच्चों को स्कूल पहुंचने में भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।
ग्रामीणों ने तहसीलदार सूरजगढ़ को पूर्व में भी आवेदन प्रस्तुत किया था, लेकिन स्थायी समाधान न होने पर अब उपखंड अधिकारी सूरजगढ़ को सामूहिक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि रास्ता जल्द नहीं खुलवाया गया तो पीड़ित परिवार आंदोलन करने को मजबूर होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में रमेश कुमार, योगेश कुमार, दयाराम खरड़िया, रोहिताश खरड़िया, सतीश कुमार, बलवीर, राजवीर , सतीश नेहरा, नरेश कुमार, प्रताप सिंह, मुकेश नेहरा, दिलबाग सिंह, ताराचंद सहित अन्य ग्रामवासी व स्कूल जाने वाले छोटे छोटे बच्चे भी शामिल रहे।





