सूरजगढ़, 24 अगस्त: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ 3 सितम्बर को सूरजगढ़ आयेंगे। वे यहां स्यालु कलां गांव में आर्मी जवान नंदू सिंह शेखावत की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे। अनावरण समारोह में पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, पूर्व विधायक सुभाष पूनिया, सूरजगढ़ प्रधान बलवान सिंह और पूर्व प्रधान कैलाश मेघवाल के अलावा समारोह में कई अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
जवान नंदू सिंह शेखावत की प्रतिमा के अनावरण की तैयारियां नवयुवक मण्डल एवं ग्रामवासियों द्वारा की जा रही हैं। समारोह में मुकेश फौजी की पार्टी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देगी।
आपको बता दें कि स्यालु कलां के जवान नंदू सिंह शेखावत 8 मई, 2024 को लेह लद्दाख में आर्मी के गोला बारूद डिपो (एफएडी 41) में ड्यूटी के समय एक बम फटने से बुरी तरह घायल हो गए थे। इस हादसे में उनके साथ कुछ अन्य जवान भी जख्मी हुए थे। सभी घायलों को पहले लेह लद्दाख के ही आर्मी अस्पताल ले जाया गया था। हालत गंभीर होने पर नंदू सिंह को चंडीगढ रैफर किया गया था जहां पीजीआई हॉस्पिटल में उपचार के दौरान 12 मई को नंदूसिंह उनका निधन हो गया था।
बाद में 14 मई, 2024 को नंदू सिंह शेखावत का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से सूरजगढ़ लाया गया था। इस दौरान ग्रामीणों की नाराजगी के चलते अन्तिम संस्कार में भी विलम्ब हुआ था। दरअसल सूरजगढ़ में घरडू चौराहे पर पार्थिव देह
पहुंचने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे। घरडू चौराहे से नंदू सिंह के घर तक तिरंगा रैली निकालने की तैयारी कर रहे लोग यह देखकर भड़क गए कि पार्थिव देह सेना की गाड़ी की बजाय एम्बुलेंस से लाई गई थी और उस पर तिरंगा भी नहीं लपेटा गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने नंदू सिंह शेखावत को शहीद का दर्जा व उनके परिवार को शहीद पैकेज दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने सात सूत्री मांगों को लेकर सीकर लोहारू मार्ग पर जाम लगा दिया था।
मांगे माने जाने के आश्वासन पर ग्रामीणों ने करीब चार घंटे बाद जाम खोल दिया जिसके बाद गमगीन माहौल में नंदू सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार किया गया था।
नंदूसिंह शेखावत एबीवीपी के कार्यकर्ता रहे थे। वे 2022 में सूरजगढ़ राजकीय कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे थे। नंदूसिंह ने 30 मार्च, 2023 को ही आर्मी के गोला बारूद डिपो (एफएडी 41) में ट्रेड्समेन मेट के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। इससे एक महीने पहले ही वे अपने गांव आकर गए थे। मिलनसार स्वभाव के नंदूसिंह की दोस्तों की टोली लंबी-चौड़ी थी, जिनसे वह हरदम सम्पर्क में रहते थे। नंदूसिंह अविवाहित थे। परिवार में माता-पिता और 2 बड़े भाई हैं