चिड़ावा (झुंझुनूं): सावन मास की धार्मिक परंपराओं को जीवंत करते हुए चिड़ावा के वार्ड संख्या 18 स्थित प्राचीन शिव मंदिर में रविवार को हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटे दो कांवड़ यात्रियों का पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया। यह धार्मिक आयोजन शिव भक्तों के लिए आस्था और उत्साह का प्रतीक बन गया।
कांवड़ यात्रा पूरी कर लौटे प्रदीप योगी और विजय योगी (बोंद) का मंदिर परिसर में डीजे की मधुर धुनों के बीच फूल मालाएं पहनाकर, फलाहार करवाकर और जयकारों के साथ सम्मान किया गया। आयोजन में स्थानीय नागरिकों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर शिव भक्ति के इस अद्भुत संगम को आत्मसात किया।
स्वागत समारोह के दौरान भजन-कीर्तन और धार्मिक संवाद का आयोजन भी किया गया, जिससे मंदिर परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। इस मौके पर न केवल योगी समाज बल्कि अन्य समाजों के लोगों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे सामाजिक समरसता की मिसाल देखने को मिली।
आयोजन में प्रमुख रूप से अजय शर्मा, सचिन योगी, आनंद योगी, संदीप योगी, पंकज योगी, देवकीनंदन योगी (डीके), मिश्री देवी, भगवती देवी, विमला देवी, रतनी देवी, अड़ची देवी, रुक्मणि देवी, कोयली देवी, कौशल्या देवी, ललता देवी और इंद्रा देवी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
धार्मिक यात्रा पूरी कर लौटे प्रदीप योगी और विजय योगी ने हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लाकर स्थानीय शिव मंदिर में जलाभिषेक किया, जो इस पावन माह की वर्षों पुरानी परंपरा का प्रतीक है। स्थानीय नागरिकों ने युवाओं से इस धार्मिक परंपरा को अपनाने और संरक्षित करने की अपील की, ताकि शिव भक्ति की यह अद्भुत संस्कृति आगे भी सशक्त रूप से बनी रहे।