Tuesday, July 22, 2025
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बिहार में मतदाता सूची से हटेंगे लाखों नाम, 1 अगस्त को जारी होगी त्रुटिरहित प्रारूप सूची, चुनाव आयोग का दावा- अब तक 88.18 प्रतिशत मतदाताओं का डेटा अपडेट, स्थानांतरित और मृत मतदाताओं के नाम हटाए गए

पटना: बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने के लिए चलाए जा रहे विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान के तहत चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। आयोग के अनुसार राज्य में करीब 17.38 लाख मतदाता ऐसे हैं जो स्थायी रूप से राज्य से बाहर स्थानांतरित हो चुके हैं, और अब उनके नाम एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। यह आंकड़ा राज्य के कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं का लगभग 2.2 प्रतिशत है।

इसके अलावा आयोग ने बताया कि करीब 12.56 लाख यानी 1.59 प्रतिशत मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि लगभग 5.76 लाख मतदाताओं के नाम दो अलग-अलग स्थानों से दर्ज हैं। ऐसे मामलों को चिन्हित कर सभी नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

राज्य में अब तक कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 6.60 करोड़ मतदाताओं ने अपने गणना फार्म (Form-1) जमा करा दिए हैं, जो कुल मतदाताओं का लगभग 83.66 प्रतिशत है। आयोग का कहना है कि स्थानांतरित, मृत और दोहरी प्रविष्टि वाले नामों को मिलाकर अब तक कुल 88.18 प्रतिशत मतदाताओं के गणना कार्य को पूरा किया जा चुका है। शेष 11.82 प्रतिशत मतदाताओं से गणना फार्म प्राप्त किए जाने बाकी हैं।

गौरतलब है कि विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाता 25 जुलाई तक अपने गणना फार्म जमा कर सकते हैं। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आयोग ने अंतिम 11 दिनों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने की तैयारी की है। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य के सभी 261 नगर निकायों के 5683 वार्डों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे, ताकि हर पात्र मतदाता को सूची में शामिल किया जा सके।

आयोग के अनुसार अब तक लगभग 5.74 करोड़ मतदाताओं के फार्म ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सफलतापूर्वक अपलोड किए जा चुके हैं। इस विशेष पुनरीक्षण अभियान में राज्यभर के करीब एक लाख बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) लगाए गए हैं, जिन्हें 1.50 लाख से अधिक राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट का सहयोग भी मिल रहा है।

चुनाव आयोग का यह प्रयास राज्य की मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन, सटीक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची से त्रुटियों से युक्त नामों को हटाकर एक सटीक रिकॉर्ड प्रस्तुत किया जाएगा। इससे न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुचिता बढ़ेगी, बल्कि आगामी चुनावों में निष्पक्षता भी सुनिश्चित हो सकेगी।

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