Tuesday, July 8, 2025
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गुकेश ने ग्रैंड शतरंज टूर में मैग्नस कार्लसन को हराया, रैपिड वर्ग में दिखाया शानदार प्रदर्शन, कार्लसन ने बताया था कमजोर खिलाड़ी

जगरेब: भारत के युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश ने गुरुवार को एक बार फिर शतरंज की दुनिया में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। क्रोएशिया की राजधानी जगरेब में चल रहे ग्रैंड शतरंज टूर के छठे दौर में उन्होंने नॉर्वे के दिग्गज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को मात दी। इस जीत के साथ गुकेश के टूर्नामेंट में कुल अंक 10 हो गए हैं और उन्होंने शीर्ष स्थान पर अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

गुकेश की यह जीत न केवल उनकी रणनीतिक गहराई को दर्शाती है, बल्कि इस बात का भी संकेत देती है कि वह दुनिया के सर्वोच्च खिलाड़ियों में अपनी स्थायी जगह बना चुके हैं। टूर्नामेंट के शुरुआती तीन राउंड समाप्त होने के बाद वह संयुक्त रूप से शीर्ष पर थे। इसके बाद उन्होंने चौथे और पांचवें राउंड में उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव और अमेरिका के फैबियानो कारूआना को हराकर अपना विजय अभियान जारी रखा।

मैग्नस कार्लसन के साथ उनका यह पहला मुकाबला रैपिड प्रारूप में था। इस मैच से पहले कार्लसन ने टिप्पणी की थी कि वह गुकेश के खिलाफ उसी तरह खेलेंगे जैसे वह किसी कमजोर खिलाड़ी से भिड़ रहे हों। हालांकि, मुकाबले में गुकेश ने धारदार खेल दिखाते हुए कार्लसन को पराजित किया और उनकी चुनौती का करारा जवाब दिया। इस जीत के साथ तीन निर्धारित मुकाबलों में गुकेश ने एक पर कब्जा जमा लिया है, शेष दो मैच ब्लिट्ज प्रारूप में खेले जाएंगे। टूर्नामेंट नियमों के अनुसार, रैपिड मुकाबले की जीत पर दो अंक जबकि ब्लिट्ज जीत पर एक अंक दिया जाता है।

गुकेश ने दिन की शुरुआत पोलैंड के जान-क्रिज़िस्तोफ़ डुडा के खिलाफ हार से की थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने फ्रांस के अलीरेजा फिरौजा और भारत के आर प्रज्ञानानंदा को हराकर शानदार वापसी की। इन दो जीतों के बाद उनके चार अंक हो गए थे, जिनकी बदौलत उन्हें कार्लसन से भिड़ने का मौका मिला।

इससे पहले भी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन को उनके ही देश में क्लासिकल प्रारूप में शिकस्त दी थी। यह दूसरी बार है जब किसी भारतीय खिलाड़ी ने कार्लसन को क्लासिकल मुकाबले में हराया है। इससे पहले आर प्रग्गनानंदा ने भी इसी टूर्नामेंट में यह उपलब्धि हासिल की थी।

गुकेश का यह प्रदर्शन भारतीय शतरंज के लिए न केवल गर्व का विषय है, बल्कि युवा प्रतिभाओं को प्रेरणा भी देता है कि निरंतर अभ्यास और समर्पण से विश्व स्तर पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। अब निगाहें ब्लिट्ज वर्ग के मुकाबलों पर होंगी, जहां गुकेश अपनी लय बरकरार रखते हुए और भी उपलब्धियां अपने नाम करना चाहेंगे।

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