मंड्रेला: कस्बे के बाहरी इलाके में मंगलवार को एक दर्जन से अधिक निराश्रित मृत गोवंशो के अवशेष खुले में फेंके मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। प्राचीन तालाब के समीप हुई इस घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय गोरक्षक मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने गोवंशों के शवों को क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा पाया। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर को आवारा जानवरों ने खा लिया था। घटना के बाद गो रक्षा से जुड़ी संस्थाओं में गहरा आक्रोश है।
गो रक्षा दल से जुड़े लोकेश सिंह निर्वाण ने कहा कि यह दृश्य बेहद पीड़ादायक और निंदनीय है। उन्होंने इसे न केवल धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया, बल्कि समाज की संवेदनहीनता का भी प्रतीक माना। उन्होंने कहा कि गाय को हमारी संस्कृति में माता के रूप में पूजा जाता है, ऐसे में उनका इस तरह से खुले में पड़ा होना पूरी परंपरा का अपमान है।
स्थानीय नागरिकों ने भी इस कृत्य पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इस प्रकार खुले में मृत जानवरों को छोड़ना न केवल असंवेदनशीलता है, बल्कि स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिहाज से भी घातक है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
घटना की सूचना मिलते ही गो रक्षा दल ने प्रशासन को 48 घंटे का समय देते हुए चेतावनी दी है कि यदि इस अवधि में मृत गोवंशों को मौके से नहीं हटाया गया और उचित सफाई व्यवस्था नहीं की गई तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
लोकेश सिंह निर्वाण ने कहा कि गोवंशों को इस तरह त्याग देना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में तुरंत जांच शुरू की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए।
फिलहाल पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय लोगों और गोरक्षकों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए जल्द कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।