खैबर-पख्तूनख्वा, पाकिस्तान: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने शनिवार को एक बार फिर से द्विराष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। जनरल मुनीर की यह टिप्पणी खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के काकुल स्थित पाकिस्तान सैन्य अकादमी (PMA) में कैडेट्स की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए सामने आई। उन्होंने देशवासियों को पाकिस्तान के निर्माण में दी गई कुर्बानियों की याद दिलाई और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की पारंपरिक नीति को दोहराया।

मुसलमान और हिंदू जीवन के हर पहलू में अलग : मुनीर
अपने भाषण में जनरल आसिम मुनीर ने कहा,
“द्विराष्ट्र सिद्धांत इस बुनियादी मान्यता पर आधारित था कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। मुसलमान धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा और सोच सहित जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं।”
मुनीर ने आगे कहा कि पाकिस्तान अनगिनत कुर्बानियों के बाद अस्तित्व में आया है और इसे सुरक्षित रखना सशस्त्र बलों की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने पाकिस्तान के निर्माण के समय मुस्लिमों द्वारा दी गई कुर्बानियों को याद करते हुए कैडेट्स में देशभक्ति की भावना का संचार किया।
विदेशों में बसे पाकिस्तानियों को संदेश
जनरल मुनीर ने प्रवासी पाकिस्तानियों से अपील की कि वे विदेश में रहकर भी पाकिस्तान की कहानी अपनी अगली पीढ़ी को सुनाएं। उन्होंने कहा,
“आपको अपने बच्चों को बताना चाहिए कि पाकिस्तान किस उद्देश्य के लिए बनाया गया था। हमारे पूर्वजों का विश्वास था कि हिंदू और मुसलमान एक नहीं हैं। हमारे धर्म, संस्कृति, परंपराएं और सोच अलग-अलग हैं। यही द्विराष्ट्र सिद्धांत की नींव है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सोच को जिंदा रखना आज भी उतना ही आवश्यक है जितना 1947 में था।

कश्मीर को बताया पाकिस्तान की गले की नस
जनरल आसिम मुनीर ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कश्मीर पाकिस्तान की गले की नस है। उन्होंने कहा,
“हमारा रुख स्पष्ट है। कश्मीर हमारे गले की नस था, है और रहेगा। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे।”
यह बयान जनरल मुनीर ने प्रवासी समुदाय के साथ 16 अप्रैल को हुए एक कार्यक्रम में दिया था, जिसे अब फिर से उन्होंने दोहराया। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की आक्रामक नीति का यह एक और उदाहरण माना जा रहा है।
पाकिस्तान की सेना और राजनीति में द्विराष्ट्र सिद्धांत का महत्व
जनरल मुनीर का यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में सेना प्रमुख द्वारा द्विराष्ट्र सिद्धांत को दोहराना इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान अपने बुनियादी वैचारिक ढांचे को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।