खेतड़ी, 17 अप्रैल 2025: खेतड़ी उपखंड के जसरापुर गांव में एक अत्यंत पीड़ादायक घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। गांव के बाहर नंगली सलेदीसिंह मार्ग पर स्थित महावीर सिंह शेखावत के खेत में अपने मवेशियों को चरा रहे। पशुपालक रामजीलाल और जयनारायण के लिए यह दिन किसी दुःस्वप्न से कम नहीं रहा। खेत में मौजूद रूंझ के पेड़ की सूखी फलियों को खाने के बाद मवेशी अचानक बीमार पड़ने लगे और देखते ही देखते एक-एक कर ज़मीन पर गिरने लगे। कुछ ही पलों में 20 भेड़ और 2 बकरियों की मौत हो गई।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पशु चिकित्सा टीम
हादसे की जानकारी मिलते ही पशु चिकित्सक डॉ. योगेश आर्य अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से बीमार मवेशियों को बचाने के लिए बचाव कार्य शुरू किया। चिकित्सकीय प्रयासों से 8 भेड़ों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। टीम ने बीमार मवेशियों को ग्लूकोज और आवश्यक दवाइयां दीं। चिकित्सकों के अनुसार, रूंझ की सूखी फली में प्राकृतिक विषैले तत्व होते हैं, जो गर्मी के मौसम में अधिक खतरनाक हो जाते हैं।
इस घटना से पीड़ित पशुपालकों को लगभग चार लाख रुपये का नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार, मृत मवेशियों का पंजीकरण भले ही कराया गया था, लेकिन पशु बीमा की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। ऐसे में उन्हें किसी प्रकार की बीमा सहायता मिलने की संभावना नहीं है।

स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें समुचित मुआवजा प्रदान किया जाए। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है।