दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक योल को जेल से रिहा करने का ऐतिहासिक आदेश दिया। यून को पिछले साल दिसंबर में मार्शल लॉ लागू करने के विवादास्पद फैसले के कारण गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन पर विद्रोह के गंभीर आरोप लगाए गए थे। सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के इस फैसले ने उनके कानूनी और राजनीतिक भविष्य को लेकर नई बहस छेड़ दी है। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि यून को हिरासत में लिए बिना ही मुकदमे का सामना करने की अनुमति दी जाएगी, जिससे उनकी कानूनी लड़ाई को नया मोड़ मिला है।

क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रपति यून सुक योल ने 3 दिसंबर 2024 को अचानक देश में मार्शल लॉ की घोषणा की थी। उन्होंने इस फैसले को विपक्षी-नियंत्रित नेशनल असेंबली द्वारा उनकी सरकार को “लकवाग्रस्त” करने के जवाब में उचित ठहराया था। हालांकि, नेशनल असेंबली ने तत्काल इसके खिलाफ मतदान किया, जिसके बाद महज छह घंटे में मार्शल लॉ को वापस लेना पड़ा। इस घटना ने दक्षिण कोरिया में दशकों बाद सबसे बड़ा राजनीतिक संकट पैदा कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, 14 दिसंबर को नेशनल असेंबली ने यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर उन्हें पद से निलंबित कर दिया।
इसके बाद जनवरी 2025 में उन्हें विद्रोह के आरोप में हिरासत में लिया गया। जांचकर्ताओं का दावा था कि मार्शल लॉ की घोषणा विद्रोह के समान अपराध थी, जिसके लिए दक्षिण कोरियाई कानून में मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। यून दक्षिण कोरिया के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए, जो कार्यकाल के दौरान आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे थे।
सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का फैसला
शुक्रवार को सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने यून की रिहाई का आदेश देते हुए कहा कि उनकी औपचारिक गिरफ्तारी की कानूनी अवधि जनवरी के अंत में अभियोग लगाए जाने से पहले ही समाप्त हो गई थी। कोर्ट के तीन-न्यायाधीश पैनल ने यह भी माना कि अभियोजकों ने उन्हें कानून द्वारा अनुमत अवधि से अधिक समय तक हिरासत में रखकर प्रक्रियात्मक नियमों का उल्लंघन किया। इसके अलावा, कोर्ट ने यह राय दी कि जिस जांच एजेंसी ने यून को हिरासत में लिया था, उसके पास विद्रोह जैसे आपराधिक आरोपों की जांच करने का कानूनी अधिकार नहीं था।

हालांकि, यून को तत्काल रिहा नहीं किया गया। उनके वकील सेक डोंग-ह्यून ने बताया कि अभियोजकों के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए एक सप्ताह का समय है, और इस दौरान यून सियोल के दक्षिण में स्थित डिटेंशन सेंटर में हिरासत में रहेंगे।
यून की बचाव टीम की प्रतिक्रिया
यून की कानूनी टीम ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे “न्याय की जीत” करार दिया। उनके वकीलों ने अभियोजकों से तत्काल रिहाई की मांग की और कहा कि यह फैसला दक्षिण कोरिया के लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास को मजबूत करता है। टीम ने यह भी तर्क दिया कि मार्शल लॉ की घोषणा राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकारों के दायरे में थी, और इसे विद्रोह के रूप में परिभाषित करना कानूनी रूप से गलत है।