नई दिल्ली: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद और लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। पार्टी में बढ़ते असंतोष और सांसदों के विरोध के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। एक अधिकारी ने बताया कि पार्टी का नया नेता चुने जाने तक ट्रूडो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
संसद सत्र स्थगित, पार्टी में नया नेतृत्व तलाशने की प्रक्रिया शुरू
कनाडा के संसदीय सत्र की शुरुआत 27 जनवरी से होनी थी, लेकिन इसे अब 24 मार्च तक निलंबित कर दिया गया है। इस अवधि में लिबरल पार्टी को नए नेता का चयन करना होगा। 2015 में प्रधानमंत्री बनने वाले जस्टिन ट्रूडो ने कंजर्वेटिव पार्टी के 10 साल के शासन के बाद सत्ता संभाली थी। शुरुआती वर्षों में उनके उदार नेतृत्व को सराहना मिली, लेकिन हालिया आर्थिक संकट और महंगाई ने उनकी लोकप्रियता को गिरा दिया।
लोकप्रियता में गिरावट और हार ने पार्टी में गहराया असंतोष
2025 में होने वाले आम चुनावों के लिए जस्टिन ट्रूडो चौथी बार चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे। हालांकि, हालिया टोरंटो और मॉन्ट्रियल चुनावों में पार्टी की हार के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े हुए। एक सर्वेक्षण में उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है, जिससे पार्टी के भीतर उनके खिलाफ विरोध बढ़ गया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक विरासत
जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो 1968 में प्रधानमंत्री बने थे और 16 वर्षों तक इस पद पर रहे। जस्टिन ट्रूडो कनाडा के इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने। उनके निजी जीवन की बात करें तो वे शिक्षक, नाइट क्लब बाउंसर और स्नोबोर्ड प्रशिक्षक रह चुके हैं। उनकी पत्नी पूर्व मॉडल और टीवी होस्ट थीं, लेकिन अब वे अलग हो चुके हैं। उनके तीन बच्चे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप के साथ तनावपूर्ण संबंधों का प्रभाव
इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच 14 दिन बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ट्रंप ने कनाडा पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है और यहां तक कि अमेरिका में कनाडा को शामिल करने का सुझाव भी दिया। ट्रंप ने कई बार जस्टिन ट्रूडो को “गवर्नर” कहा, जिससे उनकी छवि को आघात पहुंचा। ट्रंप ने कनाडा से ड्रग्स और प्रवासियों की रोकथाम की मांग की है, ऐसा न करने पर उन्होंने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
निष्कर्ष
जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। लिबरल पार्टी अब नए नेता के साथ आगामी चुनावों की तैयारी करेगी। ट्रूडो के इस्तीफे के पीछे आंतरिक विरोध, चुनावी हार और लोकप्रियता में गिरावट प्रमुख कारण हैं।