चिड़ावा: दिल्ली प्रदेश माहेश्वरी महिला संगठन दक्षिण क्षेत्र की पदाधिकारियों ने सोमवार को मालुपुरा गांव का दौरा कर रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान द्वारा संचालित कृषि, पर्यावरण और जल संरक्षण परियोजनाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर संगठन की अध्यक्ष पुष्पा डागा, सचिव श्रीप्रिया डालमिया, राष्ट्रीय एकल विधान समिति की संयोजिका उषा मोहनका, बाल एवं किशोरी विकास समिति की सह-संयोजिका सुबरा माहेश्वरी, वैशाली जेठीलिया और अन्य सदस्य उपस्थित रहीं।
परियोजनाओं का व्यापक अवलोकन
सदस्यों ने ग्राम जल ग्रहण समिति द्वारा संचालित और संस्थान व नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में चल रही नाॅन वाटरशैड परियोजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों का निरीक्षण किया। इसमें पौधारोपण, पुनर्भरण कूप, बीपीएल परिवारों के लिए बने वर्षाजल संग्रहण कुण्ड, शौचालय निर्माण, कुण्ड बागवानी, जैविक खेती, जैविक उत्पाद, अजोला यूनिट और पशुपालन संबंधी कार्य शामिल थे।
महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा
सदस्यों ने इन परियोजनाओं से लाभान्वित ग्रामीण महिलाओं से संवाद कर उनकी बढ़ती भागीदारी और जागरूकता की सराहना की। संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने इन गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।
जल संसाधन सूचना केंद्र का दौरा
संगठन के सदस्यों ने संस्थान में बने जल संसाधन सूचना केंद्र का भी दौरा किया। ग्रामीण व जल संसाधन समन्वयक संजय शर्मा और कृषि व वानिकी समन्वयक शुबेन्द्र भट्ट ने परियोजनाओं के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला।
अतिथियों का स्वागत और सहभागिता
ग्रामीण महिलाओं ने माल्यार्पण कर अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप कुल्हार, पर्यवेक्षक अजय बलवदा, ग्राम विकास समिति के सचिव महताब, कोषाध्यक्ष शेरसिंह, धर्मादेवी, कविता, विनोद देवी, सुनिता, सुमित्रा सहित कई अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
सदस्यों ने व्यक्त की सराहना
संगठन की सदस्यों ने पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन में ग्रामीणों और विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने संस्थान के प्रयासों को समाज के लिए प्रेरणादायक बताया और इन परियोजनाओं को अन्य स्थानों पर भी अपनाने की सिफारिश की।
समाज के लिए प्रेरक पहल
यह दौरा न केवल संस्थान के कार्यों की सराहना का अवसर बना, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास में महिला भागीदारी के महत्व को भी उजागर किया।