झुंझुनूं: पुजारी सेवक महासंघ का प्रांतीय अधिवेशन आगामी 18 अक्टूबर को बाबा श्याम की खाटू नगरी में आयोजित किया जाएगा। इस महाधिवेशन में राजस्थान के मंदिरों के समस्त पुजारी हिस्सा लेंगे। महाधिवेशन का मुख्य उद्देश्य पुजारी सेवकों की समस्याओं और मांगों को मंच प्रदान करना है, जिससे उनके हक और अधिकारों के लिए न्याय को सरकार तक मजबूती से पहुंचाया जा सके।
पुजारी सेवक महासंघ के प्रवक्ता महेश बसावतिया ने बताया कि महासंघ के गठन के बाद पहली बार आयोजित हो रहे महाधिवेशन में पुजारी प्रोटेक्शन बिल, सनातन बोर्ड का गठन करने तथा प्रदेश भर में अवांछनीय तत्वों द्वारा कब्जाई गई मन्दिर माफी की जमीनों को मुक्त करवाने पर विस्तृत चर्चा होगी तथा प्रस्ताव पास कर सरकार को भेजा जाएगा। मन्दिरों की संपति एवं मन्दिर विवाद निस्तारण हेतु मन्दिर ट्रिब्यूनल बनाने की मांग भी महाधिवेशन में की जायेगी। प्रवक्ता महेश बसावतिया ने बताया कि भगवान की सेवा करने वाले पुजारीयों की आजीविका का साधन एकमात्र मन्दिर में आने वाली दान दक्षिणा ही है, जोकि अधिकांश मन्दिरों में नाममात्र ही है। ऐसे में इस मुद्दे को लेकर मन्दिर के पुजारियों को हर महीने राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग भी की जाएगी।
इसके साथ ही राजस्थान में हिन्दुओं के श्रध्दा व आस्था के स्थल खाटू श्याम जी के डेवलपमेंट के उद्देश्य से सरकार मास्टर प्लान लाने पर विचार कर रही है। लेकिन इससे इस धार्मिक नगरी का मूल स्वरुप नष्ट होने का खतरा है। महाधिवेशन में इस मास्टर प्लान की योजना को निरस्त करवाने के लिए भी विचार विमर्श किया जाएगा।
महेश बसावतिया ने बताया कि महाधिवेशन में शामिल होने के लिए 18 अक्टूबर को हजारों की संख्या में पुजारी खाटू नगरी पहुंचेंगे जहां जयपुरिया धर्मशाला में सुबह 11 बजे महाधिवेशन शुरू होगा। आयोजन को सफल व व्यवस्थित बनाने के लिए महासंघ द्वारा समितियों का गठन किया गया है।उन्होंने कहा कि जो पुजारी सेवादार के रूप में सेवा देना चाहते हैं वे 17 अक्टूबर को 2 बजे तक खाटू नगरी पहुंचे, ताकि उनको समितियों में समायोजित करते हुए जिम्मेदारियों का वितरण किया जा सके।