हरियाणा: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अब कुछ ही समय बचा है। वोटों की गिनती हो रही है और धीरे-धीरे चुनाव परिणाम सामने आ रहे हैं। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। इस चुनाव को लेकर देशभर की निगाहें हरियाणा पर टिकी हैं, जहां सत्ता का भविष्य तय हो रहा है।
इसी संदर्भ में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चुनावों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उनके अनुसार, चुनाव से मिलने वाले सबक भविष्य की रणनीतियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चुनाव को गंभीरता से लेने की सलाह
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा, “किसी भी चुनाव को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह चुनाव हमें यह सिखाता है कि हमें कभी ओवर कॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए। हर चुनाव, हर सीट एक चुनौती होती है और इसके लिए पूरी तैयारी और कड़ी मेहनत जरूरी होती है।” उन्होंने कहा कि भले ही हरियाणा चुनाव के परिणाम अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह साफ है कि इस चुनाव से सबसे बड़ा सबक यह है कि चुनाव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
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जनता की सेवा को सर्वोपरि माना
केजरीवाल ने जनता की सेवा और देश के प्रति समर्पण की बात को दोहराते हुए कहा, “जितना भगवान ने दिया है उसमें खुश रहो और जनता की सेवा करो। देश की सेवा करो। चुनाव आते-जाते रहेंगे, लेकिन हमारी प्राथमिकता जनता की सेवा होनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि चुनावों में जीत या हार से ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि जनता के विश्वास को कैसे बनाए रखा जाए।
आंतरिक कलह से बचने की अपील
केजरीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे चुनाव के दौरान किसी भी आंतरिक कलह से बचें। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई अंदरूनी कलह न हो। हर सीट कठिन होती है और हर चुनाव में हमें एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।”
दिल्ली नगर निगम का अनुभव साझा किया
केजरीवाल ने अपने संबोधन में दिल्ली नगर निगम के चुनावों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि एमसीडी में रहते हुए जनता ने उम्मीदें जताई थीं, विशेषकर सफाई व्यवस्था को लेकर। उन्होंने कहा, “जनता को सामान्य चीजों की उम्मीद होती है, जैसे सफाई और कूड़ा उठाना। अगर हम यह बुनियादी काम सही ढंग से कर लें, तो जनता हम पर भरोसा करेगी और हमें फिर से चुनने का मौका देगी।”
उन्होंने इस चुनावी संघर्ष को परिवार की लड़ाई की तरह बताया और कहा कि परिवार में भी कभी-कभी लड़ाईयां होती हैं, लेकिन अंततः हम एकजुट रहते हैं। उनका कहना था कि “फरवरी में होने वाले चुनाव में जीत हासिल करना हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए।