जन्माष्टमी के दिन पाकिस्तान में दहशत: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के नुशकी जिले में 24 अगस्त 2024 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर एक भयानक साम्प्रदायिक हिंसा की घटना सामने आई है। पंजाब केसरी न्यूज़ एजेंसी के अनुसार इस घटना में सशस्त्र हमलावरों ने बसों, ट्रकों और अन्य वाहनों को रोककर उनमें सवार यात्रियों को उतारकर 23 लोगों की निर्मम हत्या कर दी। इस हमले ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
यह हमला बलूचिस्तान के नुशकी जिले में हुआ, जो पाकिस्तान का एक पहाड़ी और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा इलाका है। यह क्षेत्र पहले से ही सांप्रदायिक और राजनीतिक हिंसा के लिए जाना जाता है, जहां अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार होते रहे हैं। घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने वाहनों को रोककर यात्रियों के पहचान पत्र जांचे और फिर कुछ चुनिंदा लोगों को नीचे उतारकर गोली मार दी। इस निर्मम हमले में 23 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इस इलाके में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय से जुड़े लोग रहते हैं, जो इस घटना का मुख्य निशाना हो सकते हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया
बलूचिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अयूब अचकजई ने पुष्टि की है कि यह हत्याएं मुसाखाइल जिले में रात के समय हुईं। हमलावरों ने घटनास्थल से भागने से पहले कम से कम 10 वाहनों को जला दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। इस हमले के बाद राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “बर्बरतापूर्ण” करार दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस जघन्य अपराध के पीछे जो लोग हैं, वे कानून की गिरफ्त से बच नहीं पाएंगे।
पृष्ठभूमि और संभावित कारण
बलूचिस्तान प्रांत में लंबे समय से अलगाववादियों और इस्लामी आतंकवादियों की गतिविधियां चल रही हैं। इस क्षेत्र में वर्षों से विद्रोह और हिंसा का दौर जारी है, जिसमें अक्सर निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाता है। बलूचिस्तान में अलगाववादी समूहों ने पूर्वी पंजाब क्षेत्र से आने वाले श्रमिकों और अन्य लोगों को प्रांत छोड़ने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है। हाल के वर्षों में, प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे संगठनों ने बलूचिस्तान में बढ़ते अलगाववादी आंदोलनों को समर्थन दिया है। इस घटना से कुछ ही घंटे पहले बीएलए ने लोगों को राजमार्गों से दूर रहने की चेतावनी दी थी, लेकिन अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।