मुकन्दगढ, 8 अगस्त 2024: झुंझुनूं में एक महिला प्रधानाचार्य से दुर्व्यवहार के मामले में लेक्चरर प्रमेंद्र कुल्हार को एपीओ कर दिया गया है। निदेशक आशीष मोदी ने आदेश जारी कर लेक्चरर को मुख्य कार्यालय निदेशालय बीकानेर में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
क्या था मामला?
मुकुन्दगढ़ (झुंझुनूं) की सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका ने लेक्चरर प्रमेंद्र कुल्हार पर फोन पर गलत बातें करने और उसे परेशान करने का आरोप लगाया था। शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि लेक्चरर जब डाइट में कार्यरत था तब वह स्कूल में निरीक्षण करने आया था और उसने शिक्षिका और अन्य स्टाफ को विद्यार्थियों के सामने अपमानित किया था। उसने शिक्षिका को एपीओ करने की धमकी भी दी थी।
जांच में क्या निकला?
शिकायत के बाद मामले की जांच की गई और जांच में लेक्चरर प्रमेंद्र कुल्हार और स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर की उप निदेशक उर्मिला चौधरी को दोषी पाया गया।
क्यों हुई देरी?
जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद लेक्चरर के खिलाफ कार्रवाई में देरी हुई। भाजपा नेता बबलू चौधरी ने भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
क्या है एपीओ?
एपीओ का मतलब है ‘अटैच टू हेडक्वार्टर’। जब किसी कर्मचारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उसके मूल पद से हटाकर मुख्यालय में लगा दिया जाता है तो उसे एपीओ कहा जाता है।