[ad_1]
राजस्थान में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आज बांसवाड़ा संभाग के बांसवाड़ा, सिरोही, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। आज भी बारिश की संभावना को देखते हुए बांसवाड़ा जिले में कलेक्टर ने स्कूलों में छुट्टी घोषित की है। बांसवाड़ा में विभिन्न हादसों में 7 लोगों की मौत हो गई है। माही बांध के सभी गेट खोलने के कारण आदिवासियों में तीर्थ बेणेश्वर धाम टापू बन गया। वहां 45 लोग फंसे हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से राजस्थान में मानसून एक्टिव है। दूसरी तरफ धौलपुर में चंबल नदी उफान पर है। धौलपुर से लेकर कोटा तक अलर्ट जारी कियाग है। इसके अलावा वागड़ के उदयपुर, चित्तौड़गढ़ समेत जालौर में विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ दिन तक प्रदेश में मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
माही बजाज बांध के 16 गेट खोले, चंबल खतरे से ऊपर
राजस्थान में पिछले दो दिन से दक्षिणी राजस्थान यानी उदयपुर संभाग में पिछले दो दिन से बारिश का दौरा जारी है। वागड़ क्षेत्र में भारी बारिश से राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े बांध माही बजाज के 16 सभी गेट खोलने पड़ गए। क्योंकि भारी मात्रा में पानी की आवक हुई। यही नहीं रविवार को भी बारिश का दौर चलता रहा। रविवार को हुई भारी बारिश के कारण चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर है। रविवार को राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश बांसवाड़ा के बागीदौरा में दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज भी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्यप्रदेश में चम्बल व अन्य सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। चम्बल नदी में पानी की जोरदार आवक के चलते सबसे बड़े गांधी सागर बांध में एक ही दिन में 8 फीट पानी आ गया। शनिवार सुबह 8.30 बजे तक गांधी सागर का लेवल 1301.61 फीट था, जो रविवार शाम 5.30 बजे तक 1309.28 फीट हो गया। इसके चलते 7 स्लूज व 3 क्रेस्ट गेट खोलकर 2 लाख 14 हजार 194 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है, जबकि 4 लाख 40 हजार 852 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। कोटा के जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भारतरत्न गौड़ ने बताया कि राजस्थान के राणा प्रताप सागर बांध को भरा जाएगा।वहां अभी 1145.40 फीट भराव है, जबकि इसकी भराव क्षमता 1157.50 फीट है। अभी यह 12 फीट खाली है।
सबसे ज्यादा बरसात बांसवाड़ा जिले में हुई
राणा प्रताप सागर बांध में सोमवार सुबह 8.30 बजे तक गेट खोलने की संभावना है। इसके चलते अलर्ट जारी कर दिया है। राणा प्रताप सागर बांध का पानी जवाहर सागर व कोटा बैराज से होकर निकाला जाएगा। इसके चलते कोटा से धौलपुर तक अलर्ट जारी कर दिया है। निचले इलाकों को सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। कोटा बैराज का एक गेट खोलकर 25 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। सबसे ज्यादा बरसात बांसवाड़ा जिले में हुई। यहां पिछले 24 घंटे में हुई भारी वर्षा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। बांसवाड़ा के बागीदौरा इलाके में पिछले 24 घंटे में 365 मिमी (करीब 14.5 इंच) बरसात दर्ज की गई। जिले के ज्यादातर इलाकों में 200 मिमी से अधिक बरसात हुई। वहीं माही बांध के 16 गेट खुले रहे। दाहोद मार्ग पर सुरवानिया बांध के भी सभी 10 गेट छह फीट तक खोल दिए हैं। इधर, बेणेश्वर धाम टापू बना हुआ है। बांसवाड़ा में वर्षा जनित हादसों में 7 लोगाें की मौत हुई। नियंत्रण कक्ष के अनुसार कुशलगढ़ क्षेत्र में पानी में बहने से तीन, आनंदपुरी क्षेत्र में पानी में बहने और मकान ढहने से एक-एक, सज्जनगढ़ क्षेत्र में मकान की दीवार गिरने और घाटोल के भूंगड़ा क्षेत्र में पानी में बहने से एक मौत हुई।
इन बांधों के गेट भी खोले
पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के छह गेट छह साल बाद रविवार को खुले तो जवाई नदी में तेज वेग से पानी बहा, जो जालोर जिले के बिशनगढ़ तक पहुंच गया। बांध का गेज पूरी भराव क्षमता 61.25 पर स्थिर रखने के लिए छह गेट एक-एक फीट खोलकर 5340 क्यूसेक पानी की निकासी की गई। झालावाड़ जिले में हो रही लगातार बारिश से कालीसिंध बांध के 5 गेट 4 मीटर खोलकर 73185 क्यूसेक तथा भीमसागर बांध का एक गेट खोलकर 800 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।सिरोही जिले के माउंट आबू में 137 मिमी पानी बरसा। वहीं प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट में करीब 150 मिमी बारिश हुई। यहां धरियावद इलाके में टापू पर चार मजदूर फंस गए। भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ में भी मूसलाधार बरसात हुई। वहीं मारवाड़ में भी जमकर बरसा। लगातार तीसरे दिन रविवार को भी झमाझम बारिश हुई। जोधपुर, पाली, जालोर, बाड़मेर, नागौर जिलों में भी हल्की से लेकर मध्यम बारिश दर्ज की गई। दिनभर बरसाती मौसम बना रहा।
हल्की से लेकर तेज बारिश हो सकती है
मौसम विभाग केंद्र जयपुर के अनुसार अगले 48 घंटे प्रदेशभर में हल्की से लेकर तेज बारिश हो सकती है। डूंगरपुर, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, जालोर, बाड़मेर व पाली में तेज बरसात का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। दक्षिणी पूर्वी राजस्थान व पश्चिमी मध्यप्रदेश पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जबकि मानसून की ट्रफ लाइन जैसलमेर के ऊपर से होते हुए दक्षिण पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश होकर बंगाल की खाड़ी तक है। जिसके प्रभाव से प्रदेश में मानसून सक्रिय है। इन सिस्टम के कारण मानसून अगले 2-3 दिन सक्रिय रहेगा।
[ad_2]
स्त्रोत – Live Hindustan न्यूज़