दीपा करमाकर: भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने रविवार को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में इतिहास रच दिया। उन्होंने एशियन जिमनास्टिक चैंपियनशिप 2024 में महिलाओं की वॉल्ट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को अपना पहला स्वर्ण पदक दिलाया। 30 वर्षीय दीपा ने प्रतियोगिता के अंतिम दिन 13.566 का औसत स्कोर हासिल करके शीर्ष स्थान हासिल किया।
यह उपलब्धि कई मायनों में खास है
- पहला स्वर्ण पदक: दीपा एशियन जिमनास्टिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट बन गई हैं। इससे पहले, भारत ने केवल कांस्य पदक जीते थे।
- अविश्वसनीय वापसी: दीपा को 2022 में डोपिंग उल्लंघन के लिए 21 महीने का निलंबन झेलना पड़ा था। यह स्वर्ण पदक उनकी शानदार वापसी और लचीलेपन का प्रमाण है।
- ओलंपिक सपना: हालांकि दीपा आगामी पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं, लेकिन यह स्वर्ण पदक निश्चित रूप से उन्हें प्रेरित करेगा और उन्हें 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करेगा।
दीपा की प्रतिभा
दीपा करमाकर को “प्रोदुना” नामक एक कठिन वॉल्ट के लिए जाना जाता है, जिसे केवल कुछ ही जिमनास्ट कर सकते हैं। 2016 के रियो ओलंपिक में, वह इस वॉल्ट को करने वाली पहली महिला बनीं, जिसने उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई।
यह जीत भारत के लिए एक प्रेरणा है
दीपा करमाकर की यह उपलब्धि भारत के लिए गर्व की बात है। यह युवा एथलीटों को प्रेरित करती है कि वे सपने देखें और कड़ी मेहनत और लगन से उन्हें पूरा करें।
दीपा करमाकर के बारे में
दीपा करमाकर त्रिपुरा की रहने वाली हैं। उन्होंने 2014 में राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी शुरुआत की। 2015 में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया और 15वें स्थान पर रहीं। 2016 के रियो ओलंपिक में वह चौथे स्थान पर रहीं, जो किसी भी भारतीय जिमनास्ट द्वारा ओलंपिक में हासिल किया गया सर्वश्रेष्ठ स्थान है।
निष्कर्ष:
दीपा करमाकर एक प्रेरणादायक एथलीट हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से भारत का नाम रोशन किया है। एशियन जिमनास्टिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया है और युवा एथलीटों के लिए एक उदाहरण बन गई हैं।