चिड़ावा, 30 सितम्बर 2024: चिड़ावा शहर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रामलीला के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। विवेकानंद चौक के समीप स्थित साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया मार्ग के डालमियों के नोहरे में रविवार शाम को मंच निर्माण कार्य का शुभारंभ गणेश पूजन, बल्ली पूजन और मंच पूजन के साथ विधिवत रूप से किया गया। रामलीला का मंचन 3 अक्टूबर से शुरू होगा, जिसमें स्थानीय कलाकार और गणमान्यजन हिस्सा लेंगे।
बल्ली पूजन की पुरानी परंपरा का निर्वहन
चिड़ावा की रामलीला के मंच निर्माण की शुरुआत बल्ली पूजन की पुरानी परंपरा से की जाती है, जिसे 60 सालों से निभाया जा रहा है। इस परंपरा का मुख्य उद्देश्य मंच के निर्माण के लिए आधार का पूजन करना है। रामलीला परिषद के संरक्षक बैजनाथ मोदी, अध्यक्ष प्रमोद अरड़ावतिया, सचिव सुशील पदमपुरिया और सांस्कृतिक निदेशक महेश धन्ना की उपस्थिति में इस परंपरा का विधिवत निर्वहन किया गया। पंडित रमेश कोतवाल द्वारा गणेश पूजन के साथ इस परंपरा का शुभारंभ हुआ।
बल्ली पूजन के तहत सबसे पहले बल्लियों पर मौली बांधी जाती है और स्वास्तिक चिन्ह अंकित किया जाता है। इसके बाद गड्ढे में तेल, मूंग, चावल और शगुन के सिक्के डालकर बल्लियों का रोपण किया जाता है। माना जाता है कि ये बल्लियाँ मंच निर्माण के लिए मजबूत आधार होती हैं और वास्तुदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनका पूजन किया जाता है।
इंद्र देव की प्रसन्नता के लिए नारियल बांधने की परंपरा
बल्ली पूजन के बाद इंद्र देव की प्रसन्नता के लिए खेजड़ी के पेड़ पर नारियल बांधने की परंपरा निभाई गई। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से बारिश की बाधाओं से मंच निर्माण और रामलीला के आयोजन को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके बाद विधिवत रूप से पहली बल्ली का रोपण किया गया। इस दौरान रामलीला परिषद के अन्य सदस्य और शहर के गणमान्य जन, जैसे सुनील सिंह, लीलाधर शर्मा, सुभाष पंवार, बुधराम वर्मा, भूपेंद्र आदि उपस्थित थे। सभी ने जय श्री राम के उद्घोष के साथ मंच निर्माण का कार्य शुरू किया।
3 अक्टूबर से शुरू होगा रामलीला का मंचन
रामलीला के सांस्कृतिक निदेशक महेश धन्ना ने जानकारी दी कि इस वर्ष रामलीला का मंचन 3 अक्टूबर से प्रारंभ होगा। पहले दिन गणेश पूजन के साथ-साथ नारद मोह और रावण जन्म की लीला का मंचन किया जाएगा। दशहरे के दिन विशाल रावण पुतला दहन का आयोजन होगा, जो हमेशा की तरह इस वर्ष भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेगा। इसके साथ ही नगर में भव्य जुलूस निकाला जाएगा। रामलीला का समापन 11 अक्टूबर को राम राज्याभिषेक के साथ विधिवत रूप से किया जाएगा।