पिलानी: क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी धार्मिक और सांस्कृतिक खबर सामने आई है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध मूर्तिकार मातुराम वर्मा को क्यामसर में निर्माणाधीन 165 फीट ऊंचे शिखर वाले तेजाजी मंदिर का सलाहकार नियुक्त किया गया है। यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि राजस्थान के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में भी शामिल होने की क्षमता रखता है। मातुराम वर्मा की नियुक्ति से मंदिर निर्माण को कलात्मक और वास्तुशिल्पीय दिशा मिलने की उम्मीद है।
क्यामसर क्षेत्र में करीब 5 बीघा भूमि पर तेजाजी मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मंदिर का शिखर 165 फीट ऊंचा होगा, जिसे स्थापत्य और धार्मिक दृष्टि से विशेष रूप से डिजाइन किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अब मूर्तिकला और कलात्मक दृष्टिकोण को और मजबूती मिलने जा रही है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित मूर्तिकार मातुराम वर्मा को मंदिर का सलाहकार बनाया गया है।
मातुराम वर्मा के पिलानी पहुंचने पर उनका स्वागत राष्ट्रीय जाट महासंघ और युवा तेजा सेना से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विरेन्द्र पूनियां, सत्यनारायण वेद और अशोक बुडानिया ने फूल माला पहनाकर उनका सम्मान किया। सम्मान समारोह के दौरान मंदिर निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा भी हुई, जिसमें धार्मिक आस्था के साथ-साथ कलात्मक गुणवत्ता पर जोर दिया गया।
डॉ. विरेन्द्र क्यामसरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि तेजाजी मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक संरचना नहीं, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान बनेगा। उन्होंने कहा कि मातुराम वर्मा ने मंदिर के शिखर, मूर्तिकला और समग्र स्थापत्य में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। उनके अनुभव से यह परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल कर सकती है।
मातुराम वर्मा की सलाहकार के रूप में भूमिका से मंदिर निर्माण में पारंपरिक मूर्तिकला, आधुनिक वास्तुशिल्प और धार्मिक भावनाओं का संतुलित समावेश देखने को मिलेगा। इससे क्यामसर का तेजाजी मंदिर भविष्य में श्रद्धालुओं और कला प्रेमियों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।





