हरियाणा: हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्य के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों को 31 मार्च 2025 तक शत-प्रतिशत लागू किया जाना चाहिए ताकि नागरिक अधिकारों की रक्षा और न्याय तक पहुंच को सुलभ बनाया जा सके।
बैठक में चर्चा और निर्देश
बैठक के दौरान पुलिस, जेल, अदालत, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित नए प्रविधानों के क्रियान्वयन पर गहन समीक्षा की गई। अमित शाह ने कहा कि नए कानून न्याय की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बना रहे हैं। उन्होंने तकनीकी साधनों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध कराई जाएं।
उन्होंने जीरो प्राथमिकी (Zero FIR) की निगरानी के लिए पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश दिया। साथ ही, राज्यों के हिसाब से विभिन्न भाषाओं में इन कानूनों का अनुवाद सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई।
प्रत्येक स्तर पर समीक्षा की योजना
अमित शाह ने कहा कि समय पर न्याय प्रदान करना पुलिस विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि वे हर 15 दिन में इन कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा करें। इसके अलावा, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सप्ताह में एक बार सभी संबंधित विभागों के साथ प्रगति की समीक्षा करने के आदेश दिए।
वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक, पुलिस ब्यूरो के महानिदेशक और गृह मंत्रालय व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सभी अधिकारियों ने इन कानूनों को लागू करने में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की।
तकनीकी उन्नति पर जोर
केंद्रीय गृह मंत्री ने हरियाणा में न्यायिक प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए तकनीकी उपकरणों और प्रक्रियाओं का अधिकतम उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक सुविधाएं आपराधिक मामलों को हल करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं, और इनका विस्तार प्राथमिकता होनी चाहिए।