Monday, December 22, 2025
Homeखेतड़ीस्वामी विवेकानंद–खेतड़ी नरेश के ऐतिहासिक संबंधों को किया जीवंत, विरासत दिवस पर...

स्वामी विवेकानंद–खेतड़ी नरेश के ऐतिहासिक संबंधों को किया जीवंत, विरासत दिवस पर जगमगा उठा पन्ना सागर तालाब

खेतड़ी: झुंझुनूं जिले के खेतड़ी कस्बे में विरासत दिवस पूरे श्रद्धा, उल्लास और ऐतिहासिक गौरव के साथ मनाया गया। यह दिवस स्वामी विवेकानंद के उस ऐतिहासिक आगमन की स्मृति में आयोजित किया जाता है, जब वे वर्ष 1897 में शिकागो धर्म संसद में भारत की सनातन संस्कृति का परचम लहराने के बाद खेतड़ी पहुंचे थे। इस स्मृति को जीवंत बनाए रखने के लिए रामकृष्ण मिशन परिसर सहित पूरे कस्बे में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

विरासत दिवस की शुरुआत भव्य प्रभात फेरी से हुई, जिसमें दो हजार से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रभात फेरी को रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी आत्मानिष्ठानंद महाराज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रभात फेरी कस्बे के प्रमुख मार्गों से होकर निकली, जहां जगह-जगह नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। पूरे कस्बे में “उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत” जैसे स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार गूंजते रहे।

शाम के समय पन्ना सागर तालाब परिसर को हजारों दीपों से सजाया गया, जिससे पूरा क्षेत्र दीपावली जैसा आलोकित नजर आया। रामकृष्ण मिशन भवन को भी आकर्षक रोशनी से सजाया गया, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक और दिव्य स्वरूप प्रदान किया।

कार्यक्रमों के दौरान स्वामी विवेकानंद और खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह के ऐतिहासिक व प्रेरणादायी संबंधों को विशेष रूप से उजागर किया गया। वक्ताओं ने बताया कि जब स्वामी विवेकानंद शिकागो धर्म संसद में जाने की तैयारी कर रहे थे और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे थे, तब खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह ने उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान कर महत्वपूर्ण सहायता की थी। इसी सहयोग से स्वामी विवेकानंद विश्व मंच तक पहुंचे और भारत की आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाई।

शिकागो से लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद ने खेतड़ी में प्रवास किया, जहां राजा अजीत सिंह और उनके बीच गहरा वैचारिक संवाद हुआ। खेतड़ी की धरती पर विवेकानंद के विचारों ने समाज में आत्मविश्वास, राष्ट्रभक्ति और आध्यात्मिक चेतना का संचार किया, जिसकी स्मृति आज भी विरासत दिवस के रूप में संजोई जा रही है।

दिनभर रामकृष्ण मिशन परिसर में स्वामी विवेकानंद के जीवन, उनके विचारों और भारत के नवजागरण में उनकी भूमिका पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, प्रवचन और प्रदर्शनी आयोजित की गईं। विद्यार्थियों ने नाट्य मंचन और भाषणों के माध्यम से विवेकानंद के आदर्शों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

पूरे दिन खेतड़ी कस्बे में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक माहौल बना रहा। छात्रों, युवाओं और ग्रामीणों में विरासत दिवस को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। यह आयोजन न केवल खेतड़ी के गौरवशाली इतिहास का स्मरण बना, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेने का संदेश भी देता रहा।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!