ह्यूस्टन | इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने हाल ही में चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा, “मुझे याद भी नहीं कि पैदल चलना कैसा होता है। महीनों से न बैठी हूं, न लेटी हूं। हालात मुश्किल होते जा रहे हैं।”
आठ दिन का मिशन, सात महीने की कैद
59 वर्षीय सुनीता विलियम्स बुच विलमोर के साथ जून 2023 में आईएसएस पर एक आठ-दिनों के मिशन पर रवाना हुई थीं। लेकिन, उनके लौटने का इंतजार अब सात महीनों तक खिंच चुका है।
तकनीकी खराबी, लौटने की कोई योजना नहीं?
उनकी यह अनिश्चितकालीन अंतरिक्ष यात्रा तब शुरू हुई जब बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में तकनीकी खराबी आ गई। कैप्सूल दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को छोड़े बिना पृथ्वी पर लौट आया। अब, नासा स्पेसएक्स के साथ मिलकर उन्हें सुरक्षित वापस लाने की योजना बना रहा है।
ISS में जीवन: जब ज़मीन का कोई एहसास न रहे
सुनीता ने नीडहम हाई स्कूल के छात्रों से बातचीत में बताया, “मैं इतने समय से यहां हूं कि पैदल चलने का एहसास तक भूल चुकी हूं। यहां न बैठने की जरूरत होती है, न लेटने की। बस आंखें बंद करो और वहीं तैरते रहो।”
अंतरिक्ष में फंसी सुनीता की मुश्किलें
- लंबे मिशन का मानसिक और शारीरिक प्रभाव
- बिना गुरुत्वाकर्षण के महीनों से तैरते रहने का असर
- तकनीकी दिक्कतों के कारण अनिश्चितकालीन स्पेस मिशन
- घर वापसी की कोई तय तारीख नहीं
सात महीने की कैद, कब होगी मुक्ति?
सुनीता ने स्वीकार किया, “हमें पता था कि अगर हालात बिगड़े, तो हमें एक महीने तक रुकना पड़ सकता है, लेकिन यह इतना लंबा खिंच जाएगा, इसका अंदाजा नहीं था।”
अंतरिक्ष में त्योहार और स्पेसवॉक
आईएसएस में प्रवास के दौरान, विलियम्स और विलमोर ने थैंक्सगिविंग, क्रिसमस सहित कई त्योहार अंतरिक्ष में ही मनाए। जनवरी में, विलियम्स ने ISS पर पहली बार स्पेसवॉक भी की। इसके अलावा, उन्होंने अंतरिक्ष से ही 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में मतदान किया। अंतरिक्ष में इतने लंबे प्रवास का उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। विलियम्स की तस्वीरों में उनका वजन काफी घटा हुआ दिख रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।
अब बड़ा सवाल ये है—क्या नासा और स्पेसएक्स उन्हें सुरक्षित वापस ला पाएंगे, या यह मिशन इतिहास की सबसे लंबी और खतरनाक स्पेस यात्रा बन जाएगा?