फाल्कन 9 रॉकेट ने कैनेडी स्पेस सेंटर से भरी उड़ान
वाशिंगटन, अमेरिका: नासा और अरबपति एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पिछले नौ महीनों से फंसे अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को सुरक्षित वापस लाने के लिए क्रू-10 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। क्रू-10 मिशन के तहत स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान को लेकर फाल्कन 9 रॉकेट ने नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी।
पिछले साल जून से ISS पर फंसे हैं दोनों अंतरिक्ष यात्री
नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 में आईएसएस के मिशन पर गए थे। यह मिशन केवल आठ दिन का था, लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में आई तकनीकी समस्याओं के कारण वे वहां फंस गए। अंतरिक्ष में तकनीकी गड़बड़ियों के चलते उनकी वापसी लगातार टलती रही, लेकिन अब नासा और स्पेसएक्स के संयुक्त प्रयास से उनकी पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नासा का बयान – जल्द लौटेंगे अंतरिक्ष यात्री
क्रू-10 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद, नासा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि क्रू-10 के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने के बाद, क्रू-9 के सदस्य निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और अलेक्जेंडर गोरबुनोव कुछ दिनों के भीतर पृथ्वी पर लौटने वाले हैं।
Have a great time in space, y'all!
— NASA (@NASA) March 14, 2025
#Crew10 lifted off from @NASAKennedy at 7:03pm ET (2303 UTC) on Friday, March 14. pic.twitter.com/9Vf7VVeGev
मिशन लॉन्च में आई देरी, खराब मौसम बना वजह
नासा ने शुरुआत में क्रू-10 मिशन को 13 मार्च को लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन फ्लोरिडा स्थित लॉन्चिंग पैड पर तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण मिशन को टालना पड़ा। इसके अलावा, लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A में फाल्कन 9 रॉकेट के ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के हाइड्रोलिक सिस्टम में समस्या आने के कारण इंजीनियरों को अतिरिक्त तकनीकी सुधार करने पड़े, जिसके चलते मिशन में और देरी हुई।
अंतरिक्ष से लौटने पर शरीर में होते हैं कई बदलाव
नौ महीने तक भारहीनता में रहने के बाद पृथ्वी पर लौटना किसी भी अंतरिक्ष यात्री के लिए आसान नहीं होता। वैज्ञानिकों के अनुसार, अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से शरीर को कई तरह के प्रभावों का सामना करना पड़ता है।
पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री लेरॉय चियाओ ने बताया कि जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहता है, तो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अभाव में उसका संतुलन प्रभावित होता है। उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष यात्री जब पृथ्वी पर लौटते हैं, तो वे ‘बेबी फीट’ विकसित कर लेते हैं। यानी उनके पैरों के तलवों की मोटी त्वचा (कॉलस) हट जाती है, जिससे चलने में परेशानी होती है।”
चियाओ के अनुसार, “ग्रैविटी के अभ्यस्त होने में कुछ दिन लगते हैं। कुछ अंतरिक्ष यात्री शुरुआत में खड़े होने और चलने में असहज महसूस करते हैं।”