सुल्ताना: शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे सोलाना नदी क्षेत्र के ग्राम्य वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति द्वारा लगाए गए पेड़-पौधों में फिर से भीषण आग लग गई, जिसमें करीब 26 हैक्टेयर भूमि पर तैयार वन क्षेत्र पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया। स्थानीय लोगों ने आगजनी में असामाजिक तत्वों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं और सरकार से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
आग इतनी तेजी से फैली कि दमकल वाहन भी उसे समय पर बुझाने में सफल नहीं हो सके। सूखी घास और सूखी झाड़ियों ने आग को और भड़काया, जिससे पेड़-पौधों की कई सालों की मेहनत चंद घंटों में राख में बदल गई।
ग्राम्य वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समिति सोलाना द्वारा वर्षों से सहेज कर लगाए गए हजारों पौधे इस आगजनी की चपेट में आ गए। स्थानीय पर्यावरण प्रेमी मोहर सिंह सोलाना ने कहा कि लगातार आग लगने की घटनाएं वन क्षेत्र की प्राकृतिक पैदावार और जैव विविधता के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते वर्ष भी इसी क्षेत्र में भयंकर आग लगी थी और उस समय भी भारी नुकसान हुआ था। बार-बार आग लगने के पीछे असामाजिक तत्वों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता, ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है।




