कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज राजस्थान से राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। जयपुर में सोनिया गांधी के नामांकन के दौरान उनके साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केसी वेणुगोपाल, टीकाराम जूली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट सहित पार्टी के अन्य सभी बड़े नेता मौजूद रहे। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी शामिल हुईं।
प्रदेश में विधायकों की संख्या के आधार पर पार्टी को यहां से एक राज्यसभा की सीट जीतना तय है। लोकसभा सांसद के तौर पर पांच निर्वाचित होने के बाद 77 वर्षीय नेता सोनिया गांधी का उच्च सदन में यह पहला कार्यकाल होगा।
1999 में पहली बार बनीं थी सांसद
सोनिया गांधी लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करती रही हैं। बताया जा रहा है कि राज्यसभा में चुने जाने के बाद वो आगामी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। साल 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वे पहली बार सांसद चुनी गईं थीं। पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बाद राज्यसभा में जाने वाली वो गांधी परिवार की दूसरी सदस्य होंगी। इंदिरा गांधी अगस्त 1964 से फरवरी तक उच्च सदन की सदस्य थीं.
अशोक गहलोत ने कहा गांधी परिवार का राजस्थान से दिल का रिश्ता
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के जयपुर से राज्यसभा नामांकन दाखिल को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि उनके इस फैसले से हम सभी कांग्रेसन गौरवान्वित हैं। उन्होंने ये भी कहा कि एनडीए की सरकार भी अब सतर्क हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सोनिया जी का राजस्थान से दिल का रिश्ता है। उन्होंने बताया कि जब राजस्थान में अकाल पड़ा तब सोनिया गांधी हम सभी को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के पास लेकर गईं और उनसे मीटिंग करवाकर राजस्थान को मदद दिलवाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया, जिसके बाद राजस्थान को अतिरिक्त मदद मिली।
आखिर राजस्थान को ही क्यों चुना सोनिया गांधी ने?
कांग्रेस आलाकमान ने टीकाराम जूली को पिछले महीने राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनाया है। वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखा गया। कई स्थानीय नेता चाहते थे कि डॉ. मनमोहन सिंह की जगह किसी स्थानीय नेता को ही राज्यसभा भेजा जाए। माना जा रहा है कि किसी स्थानीय नेता को राज्यसभा भेजे जाने से लोकसभा चुनाव में गुटबाजी हो सकती थी। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यहां पर एकजुटता दिखाने के लिए टीकाराम जूली और पीसीसी चीफ डोटासरा ने सोनिया गांधी के नाम पर सहमति बना ली।
मनमोहन सिंह हैं अभी राजस्थान से राज्यसभा सांसद
कांग्रेस राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों में से एक पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है, जिसके लिए चुनाव होंगे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अप्रैल में छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह सीट खाली हो जाएगी। गौरतलब है कि 15 राज्यों से राज्यसभा के कुल 56 सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है। इन सभी सीटों के लिए चुनाव 27 फरवरी को होंगे। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने यहां से सोनिया गांधी के नामांकन को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है और कहा है कि पार्टी को इससे कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।
पिलानी विधायक पितराम सिंह भी मिले सोनिया गांधी से
पिलानी से कांग्रेस विधायक पितराम सिंह काला ने भी आज विधायक दल की मीटिंग के दौरान वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सोनिया गांधी और राहुल-प्रियंका से मुलाकात की। विधायक काला ने कांग्रेस नेताओं को लोकसभा चुनाव में झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र सहित पिलानी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों से भी अवगत करवाया।