Wednesday, March 12, 2025
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सूरजगढ़ में मार्च महीने में घने कोहरे का कहर, मौसम में अप्रत्याशित बदलाव से जनजीवन प्रभावित

सूरजगढ़, 12 मार्च 2025: मार्च महीने में आमतौर पर गर्मी बढ़ने लगती है, लेकिन झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ क्षेत्र में बुधवार सुबह मौसम के अचानक बदले मिजाज ने सभी को चौंका दिया। घने कोहरे की चादर में लिपटी सुबह ने सर्दी का एहसास करा दिया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। दृश्यता (विजिबिलिटी) बेहद कम होने के कारण सड़क पर वाहन रेंगते नजर आए, जबकि मौसम में इस बदलाव से किसान और स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सतर्क हो गए हैं।

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कोहरे से यातायात प्रभावित, वाहन चालकों को हुई परेशानी

मंगलवार तक सूरजगढ़ क्षेत्र में दिन के समय तापमान में वृद्धि दर्ज की गई थी और लोगों को गर्मी महसूस होने लगी थी। लेकिन बुधवार सुबह घना कोहरा छा गया, जिससे सड़क यातायात पर सीधा असर पड़ा। हाईवे और ग्रामीण मार्गों पर वाहन धीमी गति से चलते नजर आए। खासतौर पर सूरजगढ़-चिड़ावा मार्ग, पिलानी-झुंझुनूं रोड और अन्य प्रमुख सड़कों पर वाहन चालकों को काफी सतर्कता बरतनी पड़ी।

स्थानीय वाहन चालक रामस्वरूप ने बताया, “इतना घना कोहरा आमतौर पर जनवरी में देखने को मिलता है, लेकिन मार्च में ऐसा मौसम पहली बार देखा है। दृश्यता बेहद कम थी, जिससे वाहन चलाने में काफी दिक्कत हुई।”

किसानों के लिए फायदेमंद, लेकिन चिंता भी बरकरार

मौसम के इस अचानक बदलाव से क्षेत्र के किसानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यदि तापमान संतुलित बना रहता है और अत्यधिक ठंड या बारिश नहीं होती है, तो गेहूं, सरसों और चने जैसी फसलों को फायदा मिलेगा।

किसान सुरेश चौधरी ने कहा, “अगर यह ठंड लंबे समय तक नहीं रहती और तापमान सामान्य बना रहता है, तो हमारी फसल को अच्छा लाभ मिलेगा। लेकिन अगर अधिक ठंड पड़ती है या बारिश होती है, तो नुकसान की आशंका है।”

स्वास्थ्य पर भी असर, सर्दी-खांसी के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका

मौसम में अचानक हुए बदलाव से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दी-जुकाम, खांसी और वायरल बुखार जैसी बीमारियों के मामले बढ़ सकते हैं। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

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सूरजगढ़ के चिकित्सक डॉ. महेश यादव ने बताया, “ऐसे मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने पर सर्दी-खांसी और बुखार जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों को ठंडी हवाओं से बचाने और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।”

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