सूरजगढ़ (दिनेश झाझडिया): तहसीलदार चंद्रशेखर पर जमीन की रजिस्ट्री के ऐवज में सुविधा शुल्क लेने का गम्भीर आरोप लगाया गया है। सूरजगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सोमवीर खीचड़ ने साथी वकीलों के साथ तहसीलदार के चैम्बर में जाकर उन्हें जम कर खरी-खोटी सुनाई। मामला शुक्रवार शाम का बताया जा रहा है, जिसके वीडियो आज वायरल हो रहे हैं।
तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत जाखोद के गांव कुशलपुरा निवासी संत कुमार पुत्र दयानंद ने बताया कि, ‘मैंने 4 बीघा जमीन खरीदी थी, जिसका चालान जमा कराते हुए नियमानुसार पूरी कागजी कार्यवाही कर दी गई है। लेकिन अब तहसीलदार जमीन रजिस्ट्री करने के बदले 20 हजार रूपये मांग रहा है।
रजिस्ट्री के लिए रिश्वत की मांग किए जाने के बाद संत कुमार ने मामले की जानकारी सूरजगढ़ बार एसोसियन अध्यक्ष एडवोकेट सोमवीर खीचड़ को दी। जिसके बाद शुक्रवार शाम एडवोकेट सोमवीर खीचड़ साथी वकीलों और पीड़ित संत कुमार के साथ तहसीलदार से मिलने उनके कार्यालय में पहुंचे। एडवोकेट खीचड़ ने तहसीलदार चंद्रशेखर से जब रजिस्ट्री के बदले रिश्वत की मांग करने के बारे में पूछा तो बहस शुरू हो गई।
मामला इस कदर बिगड़ा कि वकीलों ने तहसीलदार और उनके मातहत कर्मचारियों को भ्रष्ट बता दिया। वकीलों का कहना था कि तहसील कार्यालय के रूम नंबर 8 में बैठने वाला कर्मचारी कैलाश बाकोलिया जमीन रजिस्ट्री की कागजी कार्यवाही पूरी करने के बदले तीन-तीन हजार रूपये की घूस लेता है। यही नहीं तहसील में ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो किसी भी काम को करने के बदले 100-100, 50-50 रुपए तक वसूलते हैं। जिससे पैसा मिल जाता है उसका काम कर देते हैं, बाकी लोगों को बेवजह परेशान किया जाता है।
वकीलों ने तहसीलदार से कहा कि आपकी तहसील में कर्मचारियों ने खुलेआम जम कर रिश्वत का खेल चला रखा है। वकीलों का कहना था कि ऐसा सम्भव नहीं है कि आपको इसकी जानकारी नहीं हो। काफी देर तक चली बहस में वकीलों ने तहसीलदार से ये तक कह डाला कि साहब तहसील आपकी नहीं है, आप चले जायेंगे लेकिन हम यहीं रहेंगे। तहसील में रिश्वतखोरी का इतना बड़ा खेल आपकी शह के बिना नहीं चल सकता।
इस दौरान जब तहसीलदार चंद्रशेखर से जब पूछा गया कि यहां कुल कितने अस्थाई कर्मचारी बैठते हैं, तो वे इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट सोमवीर खीचड़ ने बताया कि तहसील कार्यालय में चल रहे रिश्वतखोरी के खेल को उजागर किया जाएगा, और जिन कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा आम जनता को नाजायज परेशान किया जा रहा है, उनकी शिकायत जिला कलेक्टर और अन्य उच्चाधिकारियों से की जाएगी। बहरहाल इस मामले में तहसीलदार चंद्रशेखर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया।