कोलकाता, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच राजनीतिक टकराव कोई नई बात नहीं है। राज्य की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ बीजेपी हमेशा आक्रामक रही है। खासतौर पर नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं। कई बार सदन में उनके तीखे तेवरों के कारण उन्हें बाहर भी किया जा चुका है। इसी बीच सुवेंदु अधिकारी का एक और विवादित बयान सामने आया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
विधानसभा स्पीकर के खिलाफ भड़के सुवेंदु अधिकारी
विधानसभा में बीजेपी विधायक का माइक बंद किए जाने से नाराज सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष को लेकर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है, तो टीएमसी के सभी मुस्लिम विधायकों को उठाकर सदन से बाहर फेंक दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद टीएमसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे ‘नफरती बयान’ करार दिया।

टीएमसी ने बयान पर जताई आपत्ति
सुवेंदु अधिकारी के इस बयान पर टीएमसी नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया है। पार्टी प्रवक्ता ने इसे असंवैधानिक और सांप्रदायिकता फैलाने वाला बयान बताया। टीएमसी नेताओं ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी लगातार विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं और उनके ऐसे बयान राज्य की गंगा-जमुनी तहजीब को चोट पहुंचाते हैं। पार्टी ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाए और बीजेपी नेतृत्व से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है।
पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं सुवेंदु अधिकारी
यह पहली बार नहीं है जब सुवेंदु अधिकारी के बयान ने विवाद खड़ा किया हो। इससे पहले भी वह ममता सरकार पर तीखे हमले करते रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने राज्य सरकार को ‘सांप्रदायिक प्रशासन’ चलाने वाला बताया था और इसे ‘मुस्लिम लीग का दूसरा रूप’ करार दिया था।
विधानसभा से निलंबन के बाद बढ़ा राजनीतिक तनाव
गौरतलब है कि 17 फरवरी को सुवेंदु अधिकारी को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए सदन से बाहर कर दिया गया है। यह निलंबन तब हुआ जब उन्होंने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए तीखी टिप्पणियां की थीं। हालांकि, बीजेपी आलाकमान ने इस पूरे विवाद पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

बीजेपी की चुप्पी पर सवाल
टीएमसी ने बीजेपी नेतृत्व पर भी सवाल उठाए हैं कि आखिर पार्टी ने अब तक सुवेंदु अधिकारी के बयान पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। दूसरी ओर, बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सुवेंदु अधिकारी के इस बयान का समर्थन किया है और इसे तृणमूल कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ आक्रोश बताया है।