नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग को ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने केजरीवाल की अर्जी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत को 7 दिन और बढ़ाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने अपने फैसले में कहा, “केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी गई है। ऐसे में उनकी अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है।” इस निर्णय के बाद अब मुख्यमंत्री केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा।
केजरीवाल की इस अर्जी को ठुकराने का मतलब है कि उन्हें अब ट्रायल कोर्ट में जाकर अपनी नियमित जमानत के लिए आवेदन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय केजरीवाल और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यह एक साजिश का हिस्सा है और केजरीवाल को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे न्याय की जीत बताया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब सभी की नजरें 2 जून पर टिकी हैं, जब केजरीवाल को अदालत के समक्ष सरेंडर करना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटनाक्रम के बाद दिल्ली की राजनीति में क्या बदलाव आते हैं और आम आदमी पार्टी इस चुनौती का सामना कैसे करती है।
इस मामले में आगे क्या होता है, यह देखना बाकी है। फिलहाल, केजरीवाल के सामने सरेंडर करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है और उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपनी नियमित जमानत के लिए अर्जी देनी होगी।