चिड़ावा, 9 अप्रैल 2025: राजस्थान पेंशनर समाज के प्रदेशव्यापी आह्वान पर चिड़ावा में उपशाखा अध्यक्ष हरनाथ सिंह के नेतृत्व में पेंशनभोगियों ने सीसीए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के पश्चात् पेंशनरों ने नायब तहसीलदार बलवीर सिंह कुल्हरी को केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की गई।

ज्ञापन में प्रमुख आपत्तियाँ
ज्ञापन में बताया गया कि वित्त विधेयक 2025 के तहत केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों में एक नया अध्याय शामिल करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें भारत की संचित निधि से पेंशन व्यय के लिए विशिष्ट नियम और सिद्धांत तय किए जाएंगे। पेंशनर समाज ने आरोप लगाया कि इस प्रस्ताव से सरकार को पेंशनरों के बीच भेदभाव करने का अधिकार मिल जाएगा – जैसे सेवानिवृत्ति की तारीख या वेतन आयोग की सिफारिशों की तिथि के आधार पर।
समानता के सिद्धांत पर खतरा
पेंशनर समाज का कहना है कि सातवें वेतन आयोग लागू करते समय 1 जनवरी 2016 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बीच समानता बनाए रखने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब यह नया विधेयक उस समानता को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि यह विधेयक पारित हुआ तो संभावित आठवें वेतन आयोग के संदर्भ में 1 जनवरी 2026 से पहले और बाद में रिटायर होने वाले कर्मचारियों के बीच असमानता और बढ़ जाएगी।
पेंशनरों की चेतावनी: चरणबद्ध आंदोलन होगा
पेंशनर समाज उपशाखा अध्यक्ष हरनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि सरकार इस विधेयक को तुरंत वापस नहीं लेती है, तो पेंशनभोगी चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। उन्होंने सरकार से विधेयक पर पुनर्विचार कर उसे जनहित में वापस लेने की मांग की।

उपस्थित प्रमुख पेंशनभोगी
इस विरोध प्रदर्शन में अनेक पेंशनभोगी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
- जुगराम, गुगनसिंह, धर्मपाल सिंह, महीपाल सिंह,
- देवेंद्र शर्मा, कैलाश शर्मा (पूर्व संयुक्त निदेशक),
- अमीलाल, बजरंगलाल (पूर्व नायब तहसीलदार),
- किशोरीलाल, दरियासिंह धायल, जयनारायण बेदवाल,
- महेंद्र नेहरा, नंदलाल जांगिड़, रूपचंद श्योराण,
- तथा बनवारीलाल नूनियां आदि शामिल थे।