नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह पर आरोप है कि ये भारतीय युवाओं को आकर्षक वेतन और बेहतर जीवन का लालच देकर रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर कर रहा था।
गिरोह का सरगना निजिल जोबी बेन्सम
सीबीआई ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें गिरोह का सरगना निजिल जोबी बेन्सम भी शामिल है। बेन्सम रूस में ट्रांसलेटर के तौर पर काम करता था और रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती में अहम भूमिका निभाता था।
अन्य आरोपी
अन्य गिरफ्तार आरोपियों में एंथोनी माइकल एलंगोवन, अरुण और येसुदास जूनियर शामिल हैं। एलंगोवन ने दुबई में रहने वाले फैसल बाबा और रूस में रहने वाले अन्य लोगों के साथ मिलकर वीजा प्रक्रिया और हवाई यात्रा का इंतजाम किया था। अरुण और येसुदास जूनियर केरल और तमिलनाडु से युवाओं को भर्ती करते थे।
गिरोह का कामकाज
यह गिरोह सोशल मीडिया और यूट्यूब का इस्तेमाल कर युवाओं को आकर्षित करता था। उन्हें रूस में अच्छी सैलरी और बेहतर जीवन का झूठा वादा किया जाता था। इसके बाद इन्हें अवैध तरीके से रूस भेजा जाता था और युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जाता था।
सीबीआई की कार्रवाई
सीबीआई को 6 मार्च 2024 को इस गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही एजेंसी इस मामले की जांच कर रही थी। 24 अप्रैल को सीबीआई ने इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। 8 मई को 4 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीबीआई ने इन वीजा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है जो भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से रूस ले जाने में शामिल थे।