चिड़ावा: शहर के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉक्टर ओमप्रकाश पचरंगिया की पुत्री सुमिता अनुज कुमार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ, मथुरा की ओर से विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान उपाधि (PhD) प्रदान की गई है। उन्हें यह सम्मान शिक्षा, साहित्य और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नई दिल्ली के होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित भव्य समारोह में दिया गया।
सम्मान समारोह का आयोजन राजधानी नई दिल्ली के रेडिशन ब्लू होटल में हुआ, जहां विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं की मौजूदगी में सुमिता अनुज को यह उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के पूर्व कुलपति पद्मश्री डॉ. अरविंद कुमार मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मणिपुर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. सच्चिदानंद राय ने की, जबकि शिक्षाविद डॉ. किरण बोबडे (गाजियाबाद) और डॉ. रविन्द्र द्विवेदी (छत्तीसगढ़) विशिष्ट अतिथि रहे।
सुमिता अनुज कुमार ने शिक्षा और साहित्य को सामाजिक विकास से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। उनके शोध और रचनात्मक लेखन में समाज के प्रति गहरी संवेदनशीलता दिखाई देती है। इसी कारण विद्यापीठ ने उन्हें विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान उपाधि से सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि अपने पिता डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया की प्रेरणा और उनके संस्कारों का परिणाम है।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद सिद्धांत पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं ने बताया कि भारतीय समाज में संतुलन और आत्मनिर्भरता का संदेश देने वाला यह सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है।
अतिथियों ने कहा कि शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्यरत युवाओं को पंडित दीनदयाल के विचारों को अपनाते हुए रचनात्मक परिवर्तन की दिशा में अग्रसर रहना चाहिए।
इस अवसर पर देशभर से आए कई अन्य शोधार्थियों को भी विभिन्न विषयों में पीएचडी उपाधि प्रदान की गई। समारोह में अकादमिक क्षेत्र से जुड़े गणमान्यजनों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमामय बना दिया।





