चिड़ावा, 19 दिसम्बर 2024: चिड़ावा स्थित सरला पाठशाला में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें झुग्गी-झोपड़ी, खानाबदोश और कचरा बीनने वाले बच्चों को जूते और जुराबें वितरित की गईं। इस कार्यक्रम में भामाशाहों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सेवानिवृत्त पीटीआई जयसिंह झाझरिया (पर्यावरण प्रेमी), सेवानिवृत्त अध्यापिका संतोष देवी और आबू धाबी से आईं विमला देवी ने इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी निभाई। उन्होंने बच्चों को जूते-जूराबें वितरित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
पाठशाला संचालिका अनीता पूनिया, शीशराम धागड़ और ओमप्रकाश जांगिड़ ने सभी भामाशाहों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि ये जूते-जूराबें बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे, खासकर सर्दियों के मौसम में।
सरला पाठशाला के बारे में
सरला पाठशाला, चिड़ावा में एक अनूठी पहल है जो झुग्गी-झोपड़ी और गरीब परिवारों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करती है। इस पाठशाला में बच्चों को न केवल पढ़ाई बल्कि खेल-कूद और अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी विकसित किया जाता है।
भामाशाहों का योगदान
भामाशाहों का इस कार्यक्रम में योगदान सराहनीय है। उन्होंने न केवल बच्चों को जूते-जूराबें दिए बल्कि उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित भी किया।
बच्चों की प्रतिक्रिया
बच्चों ने जूते-जूराबें पाकर बहुत खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ये जूते-जूराबें उन्हें सर्दी से बचाएंगे और वे अब स्कूल जाने में अधिक आरामदायक महसूस करेंगे।