उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार के बजट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस बजट को बिना विजन और खोखला बताते हुए कहा कि यह राज्य की जनता के लिए कोई सार्थक समाधान नहीं प्रस्तुत करता। अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान योगी सरकार के बजट को लेकर कई आरोप लगाए और तंज कसते हुए कहा कि यह बजट राज्य की समस्याओं का समाधान करने में नाकाम है।
‘यह इनका सेकेंड लास्ट बजट था, इसके बाद आखिरी होगा’
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बजट को लेकर कहा कि यह उनका “सेकेंड लास्ट बजट” था और इसके बाद उनका “आखिरी बजट” होगा। उनका कहना था कि इस बजट से राज्य की जनता को कोई उम्मीदें नहीं हैं, और यह बजट उनकी सरकार के घोषणा पत्र से मेल नहीं खाता। अखिलेश ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने कई बजटों का ऐलान किया है, लेकिन इनका कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।
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‘बजट में कोई क्लैरिटी नहीं है’
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि योगी सरकार का बजट बिना किसी विजन के है। “कोई क्लैरिटी नहीं है बजट में। यह केवल एक बड़ा ढोल है जिसमें आवाज तो बहुत है, लेकिन अंदर से खाली है।” उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार के सभी बजटों को देखें तो ये उनके घोषणापत्र से मेल नहीं खाते, और जनता को यह महसूस हो रहा है कि इस बार का बजट भी कोई खास बदलाव नहीं लेकर आया।
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बजट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "…ये इनका(भाजपा) 'सेकंड लास्ट' बजट था। एक और बजट पेश होगा फिर हमें नई सरकार चुनने का अवसर मिलेगा। बजट घोषणा पत्र से मेल नहीं खाता है। बिना विजन के बजट आए हैं सरकार का कोई रोडमैप तय नहीं था कि किस दिशा में उत्तर… pic.twitter.com/Axckk8Bk3u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 20, 2025
‘संगम का पानी’ पर तंज
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संगम के पानी को शुद्ध बताने पर भी तंज किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी के सभी नेताओं को संगम का पानी भिजवाना चाहिए, और उसी पानी से वे खाना बनाएं, नहाएं और पिएं। यह पानी विधानसभा में भी रखा जाना चाहिए और उन्हें पिलाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता कि बैक्टीरिया कहां से आता है।
‘सरकार का प्रवचन तो आया, लेकिन बजट कब आएगा?’
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली बार है जब सरकार ने उर्दू का विरोध उर्दू में ही किया। उन्होंने कहा कि सरकार के भाषणों में उर्दू शब्दों का उपयोग किया गया, जैसे ‘बदनाम’, ‘बख्शा नहीं जाएगा’, ‘मौत’, ‘हादसा’, आदि। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि रेल, क्रिकेट, इंटरनेट, मेट्रो जैसे शब्दों की हिंदी क्या होती है?
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किसान और महिलाओं के लिए निराशाजनक बजट
अखिलेश ने आगे कहा कि इस बजट को देखकर किसानों की उम्मीदें टूट गई हैं और महिलाओं के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता के लिए इस बजट में कुछ नहीं है, और लोग यह पूछ रहे हैं कि “सरकार का प्रवचन तो आया है, अब बजट कब आएगा?”
‘मंत्रियों और विधायकों को भी निराशा’
सपा प्रमुख ने कहा कि इस बजट को देखकर योगी सरकार के मंत्री और विधायक भी निराश हैं, क्योंकि इसमें उनके विभागों के लिए कोई नई योजना या सुधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट में भी अपने संकल्प पत्र के वादे पूरे नहीं किए हैं। यह योगी सरकार का नौवां बजट है, जो पूरी तरह से असफल साबित हुआ है।