जयपुर, राजस्थान: राजस्थान पुलिस की सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 परीक्षा में पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। शुक्रवार को जयपुर बेंच के जस्टिस गणेशराम मीणा की अदालत ने 10 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को जमानत दे दी है, वहीं, 9 आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गईं। इन आरोपियों पर आरोप था कि लिखित परीक्षा से पहले उनके पास पेपर पहुंच गया था, जिसे इन्होंने अन्य अभ्यर्थियों के साथ शेयर किया था।
जमानत मिलने वाले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर
- करणपाल
- एकता
- मनोहर
- सुरेंद्र
- रोहिताश
- राजेश्वरी
- अभिषेक
- प्रवीण
- प्रेमसुखी
- नीरज कुमार यादव
इन सभी आरोपियों को हाईकोर्ट ने जमानत प्रदान की, हालांकि गिरधारीराम, जगदीश सिहाग, हरकू, चेतन सिंह, दिनेश सिंह, राजाराम, अंकित, भगवती और हनुमान की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। इनमें से अधिकांश आरोपियों को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने मार्च में गिरफ्तार किया था।
पासिंग आउट परेड और नियुक्ति पर रोक जारी
वहीं, सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 मामले में 10 दिसंबर तक नियुक्ति पर रोक जारी रहेगी। अदालत ने 18 नवंबर 2024 को ट्रेनी सब इंस्पेक्टर की पासिंग आउट परेड और नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया था। आज, जस्टिस समीर जैन की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि वह भर्ती को लेकर क्या कदम उठा रही है, इस पर सरकार ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। हालांकि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हरेन्द्र नील व अन्य ने इसका विरोध किया। अदालत ने सरकार को 10 दिसंबर तक का समय देते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
अब तक 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार
सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 में धांधली का मामला बड़े पैमाने पर सामने आया है, जिसकी जांच एसओजी द्वारा की जा रही है। एसओजी अब तक 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और पेपर लीक गैंग से जुड़े 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसओजी का कहना है कि कुछ अन्य ट्रेनी एसआई भी उनकी जांच के दायरे में हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द हो सकती है।
रामूराम और बाबूलाल कटारा की मिलीभगत का खुलासा
इस मामले में एसओजी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य रामू राम राईका और उसके परिवार के सदस्य देवेश राईका और शोभा राईका की भी गिरफ्तारी की है। रामू राम राईका ने एसआई परीक्षा से छह दिन पहले अपने बच्चों के लिए पेपर की व्यवस्था की थी। इसके लिए उसने तत्कालीन आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से मदद ली थी, जिसके बाद कटारा को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में राईका ने बताया कि उसने जानबूझकर अपने बच्चों को पेपर पढ़ने के लिए छह दिन का समय दिया था।
मंत्री समिति की रिपोर्ट: निर्णय मुख्यमंत्री के पास
साथ ही, सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 के मामले में मंत्रियों की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंप दी है। रिपोर्ट में भर्ती रद्द करने या न करने पर मुख्यमंत्री को निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। सीएम के जर्मनी दौरे से लौटने के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। मंत्री समिति ने फैक्ट्स के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें एक्सपर्ट की राय भी शामिल की गई है।