नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की कानूनी परेशानियां बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS), 2023 की धारा 218 के तहत जैन के खिलाफ अदालत में मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की मंजूरी प्रदान करें।

मामले की पृष्ठभूमि
सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, जो अगस्त 2017 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से संबंधित है। उस एफआईआर में जैन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया था। दिसंबर 2018 में, सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें बताया गया कि 2015 से 2017 के बीच जैन की संपत्ति उनकी आय के स्रोतों से लगभग 217% अधिक थी, जो 1.47 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
कानूनी प्रावधान और गृह मंत्रालय का कदम
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के अनुसार, न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों, सार्वजनिक सेवकों और सशस्त्र बलों के सदस्यों को उनके आधिकारिक कर्तव्यों के दौरान किए गए अपराधों के अभियोजन से पहले सरकारी अनुमति की आवश्यकता होती है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे बिना उचित जांच और सरकारी मंजूरी के न चलाए जाएं। इसी के तहत, गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अभियोजन की मंजूरी देने का अनुरोध किया है।

चुनावी परिदृश्य
हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में, सत्येंद्र जैन ने शकूरबस्ती सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें भाजपा के करनैल सिंह से 20,998 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। करनैल सिंह को 56,869 वोट मिले, जबकि जैन को 35,871 वोटों पर संतोष करना पड़ा।