नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को केंद्र सरकार लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश करने जा रही है। इस प्रस्तावित विधेयक को लेकर देशभर में चर्चा का माहौल गर्म है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखकर इस बिल को लोकतंत्र के लिए घातक करार दिया और जनता को इसके खिलाफ जागरूक होने की अपील की।
लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट का आरोप
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “लोकतांत्रिक संदर्भों में ‘एक’ शब्द ही अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र बहुलता का पक्षधर होता है। ‘एक’ की भावना में दूसरे के लिए स्थान नहीं होता, जिससे सामाजिक सहनशीलता का हनन होता है। व्यक्तिगत स्तर पर ‘एक’ का भाव, अहंकार को जन्म देता है और सत्ता को तानाशाही बना देता है।”
उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का फैसला न केवल लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए हानिकारक है, बल्कि यह देश के संघीय ढांचे पर भी गहरा आघात करेगा। इससे क्षेत्रीय मुद्दों का महत्व खत्म हो जाएगा और जनता उन दिखावटी राष्ट्रीय मुद्दों के भ्रमजाल में फंसकर रह जाएगी, जिनका उनकी वास्तविक समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
संघीय ढांचे और क्षेत्रीय सरोकारों की अनदेखी का आरोप
अखिलेश यादव ने लिखा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में राज्यों को उनकी भौगोलिक, भाषाई और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के आधार पर गठित किया गया था। यह व्यवस्था क्षेत्रीय समस्याओं और अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने के लिए बनाई गई थी। उन्होंने कहा, “‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का विचार इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही पलटने का षड्यंत्र है। यह राज्यों के अधिकारों और उनके महत्व को समाप्त करने की साजिश है।”
प्रिय देश-प्रदेशवासियों, पत्रकारों, सच्चे लोकतंत्र के सभी सच्चे पक्षधरों से अपील।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 17, 2024
‘एक देश-एक चुनाव’ के संदर्भ में जन-जागरण के लिए आपसे कुछ ज़रूरी बातें साझा कर रहा हूँ। इन सब बिंदुओं को ध्यान से पढ़िएगा क्योंकि इनका बहुत गहरा संबंध हमारे देश, प्रदेश, समाज, परिवार और हर एक…
संविधान और राज्यसभा पर असर की आशंका
सपा प्रमुख ने इस प्रस्ताव को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा, “यह संविधान को खत्म करने का षड्यंत्र है। राज्यों के महत्व को घटाने और राज्यसभा को कमजोर करने की मंशा इसके पीछे है। कल को भाजपा राज्यसभा को भंग करने की मांग कर सकती है और तानाशाही लाने के लिए नया नारा दे सकती है – ‘एक देश, एक सभा।’”
तत्काल चुनाव कराने की चुनौती
उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, “अगर भाजपा को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ इतना ही अच्छा लगता है तो केंद्र और सभी राज्यों की सरकारें भंग कर तुरंत चुनाव कराएं।” उन्होंने इसे ‘नारी शक्ति वंदन’ जैसे एक और जुमले की संज्ञा दी।
विरोधाभास और जुमलेबाजी का आरोप
अखिलेश यादव ने भाजपा पर विरोधाभासी नीतियों और जुमलेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा एक तरफ ‘एक देश’ की बात करती है, लेकिन देश की एकता को खंडित कर रही है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के पीछे उनकी असली मंशा सत्ता में बने रहने की है। यह योजना बड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है।”