लोकसभा की उत्पादकता 118%, राज्यसभा की 119%; कुल 26 बैठकें आयोजित
नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया, जो 31 जनवरी 2025 से शुरू हुआ था। इस सत्र के दौरान संसद ने वक्फ संशोधन विधेयक, आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक और आव्रजन एवं विदेशी विधेयक समेत कुल 16 महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, लोकसभा की उत्पादकता 118% और राज्यसभा की 119% रही, जो इस सत्र की गंभीरता और प्रभावशीलता को दर्शाता है।
कुल 26 बैठकें, राष्ट्रपति ने किया था अभिभाषण
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूरे बजट सत्र के दौरान कुल 26 बैठकें हुईं – पहले चरण में 9 और दूसरे चरण में 17। चूंकि यह वर्ष का पहला सत्र था, इसलिए 31 जनवरी को राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 87(1) के तहत दोनों सदनों को संबोधित किया।
धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई लंबी चर्चा
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रामवीर सिंह बिधूड़ी द्वारा प्रस्तुत किया गया और रविशंकर प्रसाद ने समर्थन किया। इस पर 17 घंटे 23 मिनट तक चर्चा हुई जिसमें 173 सांसदों ने भाग लिया।
राज्यसभा में यह प्रस्ताव किरण चौधरी द्वारा पेश किया गया और नीरज शेखर ने समर्थन किया। निर्धारित 15 घंटे के मुकाबले राज्यसभा में 21 घंटे 46 मिनट तक चर्चा चली और 73 सदस्यों ने भाग लिया।

बजट पर गंभीर बहस
1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया गया था।
- लोकसभा में 16 घंटे 13 मिनट की चर्चा में 169 सांसद शामिल हुए।
- वहीं राज्यसभा में 17 घंटे 56 मिनट की बहस हुई जिसमें 89 सदस्य शामिल रहे।
पारित प्रमुख विधेयक
वक्फ संशोधन विधेयक – 2025
लोकसभा और राज्यसभा दोनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक – 2025 पारित किया गया। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण, पंजीकरण, प्रबंधन और विवाद निपटान की प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। साथ ही मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त कर दिया गया है।
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक – 2025
यह विधेयक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की भूमिकाओं को स्पष्ट और सशक्त करता है। इससे आपदा प्रबंधन की दक्षता बढ़ेगी और विभिन्न एजेंसियों के समन्वय में सुधार आएगा।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक – 2025
इस विधेयक के पारित होने से सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा। विश्वविद्यालय डिग्री, ई-लर्निंग और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम संचालित करेगा तथा सहकारी क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

आव्रजन और विदेशी विधेयक – 2025
यह विधेयक विदेशी नागरिकों और आप्रवासियों से जुड़े प्रशासनिक ढांचे और प्रक्रिया को अद्यतन करता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता में सुधार की उम्मीद है।
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक – 2025
बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और संचालन के लिए आवश्यक प्रावधानों को अद्यतन करने हेतु यह विधेयक पारित किया गया है, जिससे वित्तीय संस्थाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।