वाशिंगटन, अमेरिका: संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम” से पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, विवादास्पद इन्वेस्टर जॉर्ज सोरोस, विश्वविख्यात फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी, फैशन डिजाइनर राल्फ लॉरेन सहित कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार समारोह शनिवार दोपहर (अमेरिकी समयानुसार) व्हाइट हाउस में आयोजित होगा, जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन विजेताओं को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान करेंगे।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सम्मानित व्यक्ति ऐसे महान नेता हैं जिन्होंने अपने असाधारण कार्यों से देश और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की समृद्धि, मूल्यों या सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

जॉर्ज सोरोस का विवादास्पद अतीत
भारत में अक्सर विवादों में रहने वाले जॉर्ज सोरोस का नाम इस सम्मान की घोषणा के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। हंगरी में जन्मे 94 वर्षीय सोरोस ने अपने हेज फंड ‘सोरोस फंड मैनेजमेंट’ के माध्यम से अपार संपत्ति अर्जित की। उन्हें ‘बैंक ऑफ इंग्लैंड को तोड़ने वाला व्यक्ति’ कहा जाता है। 1992 के ‘ब्लैक बुधवार’ की घटना के दौरान उनके वित्तीय अभियानों के कारण ब्रिटेन को यूरोपीय एक्सचेंज रेट मैकेनिज्म से स्टर्लिंग को वापस लेना पड़ा था।
भारत में, सोरोस पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने और देश की राजनीति में हस्तक्षेप करने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की तीखी आलोचना की है। 2020 में, दावोस में विश्व आर्थिक मंच में उन्होंने मोदी सरकार को राष्ट्रवाद के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि भारत में “लोकतांत्रिक पुनरुत्थान” की आवश्यकता है।
सोरोस के भारत विरोधी अभियान
सोरोस द्वारा समर्थित ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री मोदी को उद्योगपति गौतम अडानी के साथ जोड़ते हुए एक विवादित रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के कारण भारत में राजनीतिक हंगामा हुआ था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर सोरोस समर्थित संगठनों के साथ संबंधों का आरोप लगाया, जिसे विपक्ष ने सिरे से खारिज किया।