संगरूर, पंजाब: खनौरी बॉर्डर पर 17 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से हस्ताक्षरित पत्र लिखकर अपनी मांगों को लेकर गहरा विरोध प्रकट किया है। डल्लेवाल के इस कदम के बाद किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा कर दी है।
आंदोलन की नई रणनीति
किसानों ने शुक्रवार को देशभर में केंद्र और राज्य सरकारों के पुतले जलाने का फैसला किया है। इसी दिन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के वरिष्ठ नेता राकेश टिकैत सहित अन्य नेता खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर मोर्चे के दस महीने पूरे होने पर एक बड़े आयोजन की भी घोषणा की गई है।
दिल्ली कूच और ट्रैक्टर मार्च की तैयारी
14 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा। इसके बाद 16 दिसंबर को देशभर में जिला और तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। हर ट्रैक्टर पर डल्लेवाल की फोटो लगाई जाएगी। 18 दिसंबर को पंजाब को छोड़ सभी राज्यों में रेल यातायात रोकने की योजना बनाई गई है।
डल्लेवाल की बिगड़ती हालत
आंदोलन के दौरान डल्लेवाल की सेहत लगातार बिगड़ रही है। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया है। उनकी देखरेख कर रही डॉक्टर स्वैमान की टीम ने बताया कि ज्यादा दिन भूखा रहने के कारण उनका साढ़े 12 किलो से अधिक वजन कम हो चुका है। डॉक्टर करण जटवानी, जो अमेरिका से खनौरी बॉर्डर पहुंचे हैं, ने बताया कि अब किडनी और लीवर फेल होने की संभावना बढ़ गई है। हृदयघात का खतरा भी मंडरा रहा है। उन्होंने डल्लेवाल को तुरंत इलाज की सलाह दी है।
किसानों की अपील: आंदोलन को दें मजबूती
डल्लेवाल ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से देश के किसानों से अपील की है कि वे इस आंदोलन को मजबूत करने के लिए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचें। उन्होंने कहा, “अब नहीं तो फिर कब?”
पुतले जलाने और प्रदर्शन का एलान
13 दिसंबर को देशभर के किसान गांव-गांव में केंद्र और राज्य सरकारों के पुतले जलाएंगे। खनौरी बॉर्डर पर प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री, हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के पुतले जलाने की भी योजना है।





