पिलानी, 14 जून 2025: तारा दीदी के नाम से प्रसिद्ध शिक्षाविद तारा गौड़ का गुरुवार को वाराणसी में निधन हो गया। वे 81 वर्ष की थी और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थीं। वाराणसी में ही मणिकर्णिका घाट पर शुक्रवार को परिजनों की उपस्थिति में उनका अन्तिम संस्कार किया गया। उनके निधन की सूचना पर पिलानी और चिड़ावा में शोक की लहर है।

तारा दीदी मूल रूप से पिलानी से ही थी। उनके पिता प्रख्यात साहित्यकार पतराम गौड़ बिट्स पिलानी में संस्कृत विभाग के प्रमुख थे। स्व. पतराम गौड़ ने “रेगिस्तान” सहित अनेक साहित्यिक पुस्तकें लिखीं जो देश के कई पुस्तकालयों में आज भी उपलब्ध हैं। तारा दीदी 20 वर्ष तक पिलानी के मंड्रेलिया विद्यालय में शिक्षिका रहीं। इसके अलावा चिड़ावा, सरदारशहर, राजगढ़ (चूरू), मंडावा, गोरियां (सीकर), उदयपुरवाटी, नागपुर सहित कई अन्य जगह शिक्षण संस्थाओं में प्रधानाचार्य रहीं और अध्यापन कार्य किया।

तारा दीदी एक विदुषी और सेवा भावी महिला थीं। समाज के विभिन्न वर्गों के लिए उन्होंने काफी काम किया, जिसकी वजह उनके हितचिन्तकों की सूची बहुत लम्बी है। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गई हैं।
उनके निधन की सूचना के बाद से ही पिलानी और चिड़ावा सहित अन्य जगहों पर उनसे जुड़े रहे लोगों में शोक की लहर व्याप्त है।