मुंबई: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सोमवार को शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे से मिलने मुंबई में उनके आवास मातोश्री पहुंचे। इस मुलाकात के बाद शंकराचार्य ने उद्धव के साथ हुए विश्वासघात पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि इस विश्वासघात ने उद्धव के मन में गहरी पीड़ा उत्पन्न की है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में सबसे बड़ा अपराध विश्वासघात है, और यह पीड़ा सभी के मन में है।
उद्धव ठाकरे की पीड़ा पर शंकराचार्य का समर्थन
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने उद्धव ठाकरे के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, “जब तक आप महाराष्ट्र के दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते हैं, तब तक यह पीड़ा बनी रहेगी।” उन्होंने आगे कहा, “जो विश्वासघात करता है वह हिंदू नहीं हो सकता, लेकिन जो विश्वासघात सह लेता है वह हिंदू हो सकता है। उद्धव ने कहा है कि जैसा आपका (शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद) आशीर्वाद होगा, वैसा करेंगे।”
राजनीति से अलग, लेकिन धार्मिक भावना का मामला
शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन विश्वासघात की घटना धर्म का मामला है। उन्होंने कहा, “पूरे महाराष्ट्र की जनता इस बात से पीड़ित है और चुनाव में यह बात जनता ने दिखा भी दी है। यह जनमत का अनादर है। हमें राजनीति से लेना-देना नहीं है, लेकिन विश्वासघात तो हुआ है।”
केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप लगाया और कहा, “हमारे यहां 12 ज्योतिर्लिंग हैं। केदारनाथ हिमालय में है तो उसको दिल्ली में लाने की जरूरत क्या है? लोगों को भ्रमित क्यों कर रहे हैं? केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब हो गया है और उसकी जांच नहीं की जा रही है। अब दिल्ली में केदारनाथ बनाकर घोटाला करना चाहते हैं।”
नरेंद्र मोदी पर विचार
शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि वे नरेंद्र मोदी के दुश्मन नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम नरेंद्र मोदी के हितैषी हैं। वे हमारे पास आए थे, उन्होंने प्रणाम किया और हमने उनको आशीर्वाद दिया है। हम उनके दुश्मन नहीं हैं। जब उनसे कोई गलती हो जाती है, तब भी हम बोलते हैं।”
उद्धव ठाकरे और बीजेपी पर विचार
जब उनसे पूछा गया कि क्या उद्धव बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, “हमारे जरिए बीजेपी को कोई मैसेज नहीं दिया गया है। हम कोई उनके लाईजनर नहीं हैं।”