मुंबई, महाराष्ट्र: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है और उन्हें भविष्य में किसी भी यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने से स्थायी रूप से वंचित कर दिया है। आयोग ने उन्हें परीक्षा नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है, जिसके बाद यह कड़ी कार्रवाई की गई है।
नियमों के उल्लंघन का दोष
UPSC ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से वंचित कर दिया है। आयोग ने वर्ष 2009 से 2023 तक पंद्रह हजार से अधिक अनुशंसित उम्मीदवारों के डेटा की समीक्षा के बाद खेडकर को सीएसई-2022 नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया। आयोग ने पाया कि खेडकर ने परीक्षा के नियमों में निर्धारित उम्र सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए फर्जी पहचान बताई थी।
कारण बताओ नोटिस जारी
18 जुलाई 2024 को खेडकर को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। नोटिस में उनसे परीक्षा नियमों के उल्लंघन के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया था। खेडकर को 25 जुलाई 2024 तक एससीएन का जवाब देना था। हालांकि, उन्होंने 4 अगस्त 2024 तक का समय मांगा ताकि वे आवश्यक दस्तावेज जुटा सकें।
UPSC की अंतिम चेतावनी
UPSC ने उनके अनुरोध पर विचार करते हुए 30 जुलाई 2024 को दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया। आयोग ने स्पष्ट किया था कि यह उनके लिए अंतिम अवसर है और समय में कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा। उन्हें यह भी बताया गया कि यदि उपरोक्त तिथि/समय तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो UPSC आगे की कार्रवाई करेगा। दिए गए समय में विस्तार के बावजूद खेडकर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं, जिसके बाद आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की।
नाम और पहचान में बदलाव
खेडकर ने न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया था। जहां तक झूठे प्रमाण पत्र (विशेष रूप से ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों) जमा करने की शिकायतों का सवाल है, UPSC ने स्पष्ट किया कि वह केवल प्रमाण पत्रों की प्रारंभिक जांच करता है। आयोग ने जांच की कि क्या प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, प्रमाण पत्र किस वर्ष का है, प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि, प्रमाण पत्र पर कोई ओवरराइटिंग है, प्रमाण पत्र का प्रारूप आदि।