नई दिल्ली: भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी, जिससे खेल के इस लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर चल रही अटकलों का दौर खत्म हो गया। अब विराट कोहली केवल वनडे क्रिकेट खेलेंगे। उनके संन्यास के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों का बाहर होना जारी है। इससे पहले, रविचंद्रन अश्विन (दिसंबर में) और रोहित शर्मा (पिछले सप्ताह) भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।

विराट कोहली का टेस्ट करियर और संन्यास की वजह
36 साल के विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपना आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान खेला था। यह मैच भारत के लिए एक कठिन दौरा साबित हुआ, जिसमें टीम को 5 मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस सीरीज के पहले मैच में पर्थ टेस्ट में कोहली ने शतक लगाया था, लेकिन उसके बाद उनकी बल्लेबाजी में उतार-चढ़ाव देखे गए। कोहली का यह संन्यास का फैसला ऐसे समय पर आया है जब चयनकर्ता अगले महीने इंग्लैंड में होने वाली 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम का चयन करने वाले थे।
विराट ने पिछले साल टी20 इंटरनेशनल से भी संन्यास ले लिया था और अब टेस्ट क्रिकेट से भी विदाई ले ली है। उनकी इस घोषणा ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया है, क्योंकि कोहली के टेस्ट क्रिकेट में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
कोहली का टेस्ट डेब्यू और करियर का अंत
विराट कोहली ने जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। अपनी पहली पारी में उन्होंने 4 रन और दूसरी पारी में 15 रन बनाए थे। कोहली का आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में जनवरी 2025 में खेला गया था, जिसमें उन्होंने पहली पारी में 17 रन और दूसरी पारी में 6 रन बनाए।
कोहली ने कुल 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनके इस रिकॉर्ड ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट के दिग्गजों में शामिल कर दिया है।
कोहली का टेस्ट क्रिकेट में योगदान
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने 7 दोहरे शतक बनाए, जो किसी भारतीय बल्लेबाज का सबसे अधिक है। इससे पहले, सुनील गावस्कर (4), सचिन तेंदुलकर (6), वीरेंद्र सहवाग (6) और राहुल द्रविड़ (5) ने टेस्ट क्रिकेट में दोहरे शतक बनाए थे, लेकिन कोहली ने अपने प्रदर्शन से इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
टी20 लीग के प्रभाव के बावजूद, कोहली का जादू टेस्ट क्रिकेट के प्रति भारतीय दर्शकों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा था। यह बात महान बल्लेबाज सर विव रिचर्ड्स ने भी स्वीकार की थी, जिनके साथ कोहली की अक्सर तुलना की जाती थी।

कोहली की कप्तानी का योगदान
विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें 40 मैचों में भारतीय टीम को जीत मिली। कोहली ने जब कप्तानी संभाली थी, तब भारतीय टीम सातवें स्थान पर थी, लेकिन अपनी नेतृत्व क्षमता और साथी खिलाड़ियों के साथ मिलकर उन्होंने टीम को वर्ल्ड नंबर-1 की स्थिति तक पहुंचाया।
कोहली का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर: संक्षिप्त आँकड़े
टेस्ट: 123 मैच, 210 पारी, 9230 रन, 46.85 औसत, 30 शतक, 31 अर्धशतक
वनडे: 302 मैच, 290 पारी, 14181 रन, 57.88 औसत, 51 शतक, 74 अर्धशतक
टी20: 125 मैच, 117 पारी, 4188 रन, 48.69 औसत, 1 शतक, 38 अर्धशतक