वायरल वीडियो: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के शांत पहलगाम क्षेत्र में एक दर्दनाक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। घटना के बाद से सोशल मीडिया पर विभिन्न दावे, वीडियो और अफवाहें तेजी से वायरल हो रही हैं। इन्हीं में एक वीडियो विशेष रूप से चर्चा में है, जिसमें एक व्यक्ति सेना की वर्दी में नजर आता है और दावा करता है कि यह हमला “आतंकी नहीं, पूर्व-नियोजित था।”
इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति भारतीय सेना का सिपाही अशोक कुमार है। यह दावा न केवल वायरल हुआ, बल्कि कई मंचों पर इसे ‘सत्य’ के रूप में प्रचारित किया गया। लेकिन जब विश्वास न्यूज ने इसकी गहन पड़ताल की, तो यह दावा पूरी तरह फर्जी निकला।

फैक्ट चेक: भारतीय सेना का सिपाही नहीं है वीडियो में दिख रहा व्यक्ति
- विश्वास न्यूज ने इस वायरल वीडियो की जांच के दौरान पाया कि वीडियो को सबसे पहले एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल @war_Analysts से शेयर किया गया था, जिसे अब हटा दिया गया है।
- जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भारतीय सेना से कोई संबंध नहीं रखता है।
- भारतीय सेना के प्रवक्ता ने भी आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की कि यह व्यक्ति भारतीय सेना का जवान नहीं है और वीडियो फेक है।
- इस वीडियो में जिस वर्दी का उपयोग किया गया है, वह पुराना भारतीय सेना का ड्रेस कोड है, जिसे 2022 में बदल दिया गया था। वर्तमान वर्दी से इसका कोई मेल नहीं है।
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा और एडिटेड वीडियो की पहचान
- वीडियो में कई कट और एडिटिंग के संकेत पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि यह एक छेड़छाड़ किया गया वीडियो है।
- इस तरह के फर्जी वीडियो अक्सर पाकिस्तान की ओर से भ्रामक प्रचार (Propaganda) के तहत तैयार किए जाते हैं, ताकि भारतीय सेना और सरकार के प्रति लोगों में भ्रम और असंतोष फैलाया जा सके।
- इससे पहले भी कर्नल विजय आचार्य नामक एक काल्पनिक अधिकारी के नाम से एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने जवानों की मौत से आहत होकर इस्तीफा दे दिया है। विश्वास न्यूज ने उस वीडियो को भी फेक और प्रोपेगेंडा करार दिया था।
‼️भारतीय सेना के सिपाही अशोक कुमार ने वह बात कही जो मीडिया नहीं कहेगा: पहलगाम वैसा नहीं है जैसा दिखाया गया है। *खुफिया तंत्र विफल रहा। सवालों को नज़रअंदाज़ किया गया। क्या जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?
— Shahnawaz Mangal – शाहनवाज़ मंगल (@mangalazmiINC) April 24, 2025
हमें तो पहले ही शक था यह हमला बीजेपी का काम है ये आर्मी के जवान का इशारा? pic.twitter.com/6y0vfq0jTT
सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाला अकाउंट ‘the haq_words’
- इस वीडियो को सबसे पहले शेयर करने वालों में एक था अकरम पटेल, जिसने ‘the haq_words’ नामक अकाउंट से इसे पोस्ट किया। उसने दावा किया कि “भारतीय सेना का सिपाही अशोक कुमार सच्चाई सामने ला रहा है, जो मीडिया नहीं दिखा रहा।”
- वीडियो के कैप्शन में भारतीय खुफिया तंत्र की विफलता और बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वीडियो का उद्देश्य राजनीतिक ध्रुवीकरण और जनता को भड़काना है।

वास्तविकता: लश्कर समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का हमला
- इंडियन एक्सप्रेस और अन्य मीडिया स्रोतों की रिपोर्ट के अनुसार, 22 अप्रैल का यह हमला द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा अंजाम दिया गया, जो कि लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी आतंकी संगठन है।
- जनवरी 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया था।