नई दिल्ली: 12 घंटे से अधिक लंबी बहस के बाद बुधवार देर रात लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को बहुमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। जहां एनडीए के सहयोगी दलों ने इसका समर्थन किया, वहीं विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। अब यह विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसके पारित होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।
सोनिया गांधी का हमला: “यह संविधान पर बेशर्मी से हमला”
लोकसभा में विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस नेता और सांसद सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा,
“कल वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित किया गया और आज इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। इसे जबरन प्रभावी ढंग से पारित कराया गया। हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है—यह विधेयक संविधान पर बेशर्मी से हमला है और भाजपा की समाज को स्थायी रूप से विभाजित करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।”

जितेंद्र अव्हाड का बयान: “मंदिरों का सोना उपयोग करो”
एनसीपी (सपा) विधायक जितेंद्र अव्हाड ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा,
“सरकार क्यों किसी धर्म के मामलों में दखल देना चाहती है? क्या अब सरकार ईसाई मिशनरियों की जमीनों में भी दखल देगी? भारतीय मंदिरों में करोड़ों का सोना बेकार पड़ा है। क्या सरकार उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर उसका उपयोग अस्पताल और स्कूल बनाने में करेगी? यह सरकार सिर्फ हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर राजनीति कर रही है।”
समाजवादी पार्टी का विरोध: “उद्योगपतियों को जमीन देने की साजिश”
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद राम गोपाल यादव ने भी इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि सरकार इसे जबरदस्ती लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा,
“यह विधेयक पूरी तरह से नाजायज है। हमारा रुख स्पष्ट है, हम इसे अनुचित मानते हैं। सरकार ने देश की सारी जमीन बड़े उद्योगपतियों को सौंप दी, अब यह जमीन भी उन्हीं को देने की योजना बना रही है।”
शिंदे का उद्धव ठाकरे पर हमला
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस विधेयक को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने से बच रही है। उन्होंने कहा,
“उद्धव गुट हमेशा मैदान छोड़कर भाग जाता है। हमने अपनी भूमिका स्पष्ट की है। वक्फ की जमीन का लाभ जनता को मिलना चाहिए। उद्धव गुट को दोगली राजनीति छोड़नी चाहिए और हिम्मत से निर्णय लेना चाहिए। अगर बाल ठाकरे आज होते तो अपने बेटे की विचारधारा देखकर दुखी होते। हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।”

लोकसभा में विधेयक पारित, राज्यसभा में भी आसानी से पास होने की उम्मीद
लोकसभा में बुधवार देर रात 2 बजे वोटिंग कराई गई, जिसमें कुल 464 मत डाले गए। इनमें से 288 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, जबकि 232 ने विरोध किया। अब यह विधेयक आज दोपहर 1 बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में विधेयक पारित करने के लिए 119 सांसदों का समर्थन जरूरी है, जबकि एनडीए के पास 125 सांसद हैं। ऐसे में राज्यसभा में भी यह विधेयक आसानी से पारित होने की संभावना जताई जा रही है।